नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को जमानत देने से शुक्रवार को इंकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप पहली नजर में गंभीर प्रकृति के हैं और अपराध में उनकी सक्रिय एवं प्रमुख भूमिका रही है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि अगर मामले में चिदंबरम को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
उच्च न्यायालय ने चिदंबरम और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों के वकील की दलील सुनने के बाद जमानत याचिका पर 8 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था, वहीं सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने 22 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी थी।
सीबीआई ने 15 मई 2017 को मामला दर्ज किया था जिसमें आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपए का विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इस दौरान चिदंबरम वित्तमंत्री थे। इसके बाद ईडी ने भी इसी संबंध में 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था।