Chief Justice BR Gavai News : देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने शनिवार को राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श सम्मेलन में कहा कि डिजिटल युग में लड़कियां नई तरह की चुनौतियों और खतरों का सामना कर रही हैं। सीजेआई गवई ने सवाल उठाते हुए कहा, क्या हम यह कह सकते हैं कि हमारे बच्चे, खासतौर पर हमारी बेटियां, पूरी तरह सुरक्षित हैं? क्या सुरक्षा उस जगह संभव है, जहां गरिमा छीनी जाती है, आवाजें दबा दी जाती हैं या सपनों को हालातों से बांध दिया जाता है? सीजेआई गवई ने कहा कि किसी देश की ताकत उसकी बेटियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण से तय होती है। इस कार्यक्रम का विषय था बालिकाओं की सुरक्षा।
खबरों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि डिजिटल युग में लड़कियां नई तरह की चुनौतियों और खतरों का सामना कर रही हैं। सीजेआई गवई ने सवाल उठाते हुए कहा, क्या हम यह कह सकते हैं कि हमारे बच्चे, खासतौर पर हमारी बेटियां, पूरी तरह सुरक्षित हैं? क्या सुरक्षा उस जगह संभव है, जहां गरिमा छीनी जाती है, आवाजें दबा दी जाती हैं या सपनों को हालातों से बांध दिया जाता है?
सीजेआई गवई ने कहा कि किसी देश की ताकत उसकी बेटियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण से तय होती है। अगर किसी देश की आत्मा को जानना हो तो देखिए वो अपनी बेटियों के साथ कैसा व्यवहार करता है। गवई ने लड़कियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
सीजेआई गवई ने कहा कि कई लड़कियां अभी भी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं, जिससे वे यौन शोषण और बाल विवाह जैसे खतरों में पड़ जाती हैं। डीपफेक तस्वीरों जैसी समस्याओं के कारण लड़कियां गंभीर रूप से असुरक्षित हैं। उन्हें इन चुनौतियों से लड़ने के लिए विशेष कानून और प्रशिक्षण की जरूरत है।
गवई ने चिंता जताई कि तकनीक, जो कभी सशक्तिकरण का जरिया थी, अब शोषण का माध्यम बनती जा रही है। इस कार्यक्रम का विषय था बालिकाओं की सुरक्षा, जिसका आयोजन सर्वोच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति और यूनिसेफ इंडिया के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में देशभर से आए उच्च न्यायालयों व जिला न्यायपालिका के सदस्य उपस्थित थे।
Edited By : Chetan Gour