Chief Minister Dr. Mohan Yadav addressed the Sushasan Mahotsav : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शासन की संपूर्ण व्यवस्थाओं में जनता के प्रति जवाबदेही, पारदर्शिता और सेवाभाव से सभी को समर्पित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना सुशासन का मूलमंत्र है। भारतवर्ष में आदिकाल से ही सुशासन की परंपरा रही है, चाहे वह भगवान राम का काल हो या सम्राट विक्रमदित्य और राजा भोज का। आदिकाल की इसी परंपरा पर चलते हुए मध्य प्रदेश राज्य भी सुशासन के नए अध्याय लिख रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके लिए सुशासन के प्रेरणास्रोत हैं। ये विचार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी संस्था के तत्वावधान में आयोजित सुशासन महोत्सव 2024 के मध्य प्रदेश राज्य के सत्र के दौरान व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुशासन की परिकल्पना में प्रदेश के मंत्रिमंडल को दक्ष बनाने और जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के उद्देश से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंत्रिमंडल को प्रशिक्षण के उपरांत अधिकारियों पर निर्भरता भी कम होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुशासन का महत्व बताते हुए कहा कि सुशासन के जरिए जीवन में बदलाव लाने वाली अंत्योदय आधारित, पारदर्शी, संवेदनशील और गरीबोन्मुखी कार्यप्रणाली की व्यवस्था करना राज्य शासन का ध्येय है, जिससे आम नागरिक भी स्वाभिमान के साथ जीवनयापन कर सकें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण सरकार की प्राथमिकताएं हैं, जिस पर पिछले दो माह से काम जारी है। पहली ही कैबिनेट में प्रदेश में सभी जिलों में एक्सीलेंस महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम और कोलाहल अधिनियम के तहत प्रभावी कार्यवाही करते हुए लगभग 25000 दुकानें एक दिन में बंद करवाई गईं और 32000 से अधिक ध्वनि प्रदूषण यंत्र जब्त किए गए। दुर्दांत अपराधियों के विरुद्ध भी शासन सख्त कार्रवाई कर रही है।