मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के सभी दलों ने सर्वदलीय बैठक में रमजान और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए केंद्र सरकार से आतंकियों के साथ संघर्षविराम की अपील की थी। इसे केंद्र ने मान लिया है। रमजान के दौरान जम्मू-कश्मीर में सेना का कोई भी ऑपरेशन नहीं होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों से जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में कोई ऑपरेशन लांच नहीं करने के लिए कहा है। आपात स्थिति में सेना आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है। सुरक्षाबलों के पास हमला होने और निर्दोष लोगों की जान बचाने की स्थिति में ऑपरेशन करने का अधिकार होगा।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि ईद और अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में सर्वदलीय बैठक के बाद महबूबा ने कहा था कि हर कोई इससे सहमत है कि हमें वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान पर एकतरफा रोक लगाने जैसे कदम उठाने की अपील केंद्र सरकार से करनी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों के खिलाफ मुठभेड़ और कार्रवाई के कारण नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हमें माहौल को शांतिपूर्ण बनाने का अवश्य प्रयास करना चाहिए ताकि ईद और अमरनाथ यात्रा दोनों शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। महबूबा ने कहा था कि विचार-विमर्श में सर्वसम्मति से बात सामने आई कि अगर भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच गठबंधन के एजेंडा पालन किया गया तो राज्य की स्थिति में गुणात्मक सुधार होगा।