लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश में एक बार सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर अब भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरु कर दी है। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव में भाजपा की पूरी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव में आयोध्या सीट पर भाजपा की हार के बाद अब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्टिव मोड में नजर आ रहे है।.
रविवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट में चुनावी अभियान का शंखनाद किया। सीएम योगी ने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में श्रीराम दरबार की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर चुनावी अभियान का शंखनाद किया। श्री राम दरबार की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर जहां सीएम योगी ने हिंदुत्व का कार्ड खेला वहीं उन्होंने बांग्लादेश का मुद्दा उठाते हुए वोटरों के ध्रुवीकरण की कोशिश की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर कहा कि दुनिया के किसी कोने में हिंदू प्रताड़ित होते हैं तो ऐसे लोग भी हैं जो कभी आवाज नहीं उठाते, ऐसे लोगों को वोट बैंक ही दिखाई देता है। हिंदू की रक्षा करना, उसके जीवन को संरक्षण देना और आवाज उठाना हमारा दायित्व है, हम इस दायित्व का निर्वहन जीवन भर करेंगे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में अयोध्या में हार के बाद अब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है। लोकसभा चुनाव के बाद अब मिल्कीपुर विधानसभा में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुलकर हिंदुत्व का एजेंडा चल रहे है। हिंदुत्व के एजेंडे को फिर से धार देने और विपक्ष को कड़ा संदेश देने के लिए योगी अपने समीकरण को स्थापित कर रहे है।
अखिलेश ने बिछाई सियासी बिसात-वहीं लोकसभा चुनाव में अयोध्या में जीत के बाद समाजवादी पार्टी के हौंसले बुलंद है। अयोध्या से सांसद चुने गए अवधेश प्रसाद के बेटे को उपचुनाव में उतारकर चुनावी मुकाबला दिलचस्प बनाने की तैयारी में है। रविवार को जब सीएम योगी मिल्कीपुर में हुंकार भर रहे थे तब अखिलेश अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के साथ मिल्कीपुर का सियासी चक्रव्यूह तैयार कर रहे थे। अखिलेश से मुलाकात के बाद सपा सांसद ने काफी खुश नजर आए और अपने समर्थकों से क्षेत्र में जाकर चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा। ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश ने मुलाकात के दौरान उनके बेटे को उपचुनाव लड़ने का ग्रीन सिग्नल दे दिया है।
उत्तर प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें प्रयागराज जिले की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद की गाजियाबाद,मीरजापुरकी मझवां,मुजफ्फरनगर की मीरापुर, अयोध्या की मिल्कीपुर, मैनपुरी की करहल, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी व कानपुर की सीसामऊ सीट शामिल है। इन सीसामऊ सीट छोड़कर बाकी 9 विधानसभा सीट के चुने गए विधायक अब सांसद बन चुके है, वहीं सीसामऊ सीट पर सपा विधायक ककोर्ट से सजा मिलने के बाद सदस्यता चली गई है।