नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के दूसरे नंबर के ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के प्रस्ताव को चीन द्वारा बाधित करने के बाद सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि चीन का यह कदम आतंकवाद से निपटने के उसके दोहरे मापदंड को दर्शाता है।
चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई एवं पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के दूसरे नंबर के ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के किसी भी आतंकवादी को काली सूची में डालने के प्रयास को बाधित करने के चीन के राजनीति से प्रेरित ये कदम, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति की काम करने की निष्ठा को प्रभावित करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने 1267 प्रतिबंध समिति में आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को बाधित किया है।
गौरतलब है कि चीन ने इससे पहले जून 2022 में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को UNSC की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के भारत तथा अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया था। मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है।