पिछले सात सप्ताह से अपनी मीडिया के जरिए हर रोज नई धमकियों देने वाला चीन अब पीछे हटने को तैयार हो गया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) डोकलाम के विवादित स्थान से 100 मीटर पीछे हटने को तैयार है, लेकिन भारत भी इस बात पर अड़ गया है कि चीनी सेना 250 मीटर पीछे हटे। माना जाता है कि चीन के इस रुख में नरमी पीएलए ने दिखाई है।
इसके साथ ही, सरकारी चीनी मीडिया लगातार भारत को धमकियां दे रहा है। सरकारी अखबार चाइना डेली और ग्लोबल टाइम्स कह रहे हैं कि डोकलाम से भारत को अपनी सेना हटानी होगी, वरना उसे युद्ध झेलना पड़ेगा। चीनी अखबार यहां तक कह चुके हैं कि भारत के साथ सैन्य संघर्ष की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।
चीनी सीमा एवं महासागर मामलों के उपनिदेशक जनरल वांग वेनली सीमा से कश्मीर और उत्तराखंड में घुसने तक की धमकी दे चुके हैं। हालांकि डोकलाम की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। फिलहाल चीनी सेना डोकलाम में 100 मीटर पीछे हटने को राजी हो गई है, लेकिन भारतीय सेना उसको 250 मीटर पीछे हटने को कह रही है।
भारत की ओर से चीन को कहा गया है कि वह विवादित स्थल से 250 मीटर पीछे हटे, जिसके बाद ही भारतीय सेना पीछे जाएगी। चीन ने कहा कि वह 100 मीटर पीछे हटने को तैयार है। लगता है कि दोनों देशों की सेनाएं संघर्ष की बजाय विवादित क्षेत्र से पीछे हटने जा रही हैं। इस खबर के पहले चीन ने आधिकारिक रूप से डोकलाम में पीछे हटने से इंकार कर दिया था, लेकिन ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी अधिकारी के हवाले से इसकी जानकारी भी दी थी।
...और चीन की यह साजिश भी : चीन भारत पर सैन्य हमले की बजाय पानी के जरिए हमला कर सकता है। जानकारों का कहना है कि यह हमला इतना घातक होगा कि न केवल भारतीय सीमा बुरी तरह प्रभावित हो सकती है वरन कई राज्यों में तबाही भी मच सकती है। विदित हो कि उत्तरी भारत का एक बड़ा हिस्सा पहले से ही बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित है और इससे लाखों लोग प्रभावित हैं।
चीन की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वह भारत से ऊंचे स्थान पर है। वहीं चीन के पास कई बड़े बांध हैं। भारत में ऐसी कई बड़ी नदियां हैं जो चीन से निकलकर भारत में आती हैं। इनमें से ब्रह्मपुत्र नदी सबसे बड़ी नदी है। अगर चीन चाहे तो कुछ दिनों तक बांध पर पानी रोककर एकाएक छोड़ सकता है जिससे भारत में जलप्रलय का नजारा दिखाई दे सकता है।
ब्रह्मपुत्र के अलावा, सतलुज नदी भी चीन से निकलती है और चीन के कब्जे वाले तिब्बत से निकलकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब में आती है। वहीं तिब्बत से निकलकर सिंधु नदी लद्दाख होते हुए अरब सागर में गिरती है। कहना गलत न होगा कि चीन के पास तीन ऐसी बड़ी नदियां हैं जो भारत में जलजनित तबाही का कारण बन सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो ब्रह्मपुत्र नदी का पानी असम, अरुणाचल प्रदेश, सतलुज नदी का पानी हिमाचल प्रदेश, पंजाब से बहने वाली सिंधु नदी का पानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तबाही ला सकता है।