बीजिंग। चीन में सार्स जैसे नए विषाणु की चपेट में आने से मरने वालों की संख्सा बढ़कर बुधवार को 9 हो गई और अब तक देश में इसके करीब 440 मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच अमेरिका ने भी देश में एक व्यक्ति के इस विषाणु के चपेट में आने की पुष्टि कर दी है। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उपमंत्री ली बिन ने बताया कि कोरोना वायरस श्वसन तंत्र के जरिए फैलता है और इससे 'वायरल म्यूटेशन' होने तथा रोग के और फैलने की आंशका बनी है। इस बीच अमेरिका ने देश में इस विषाणु के पहले मामले की पुष्टि कर दी है।
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को अमेरिका में एक व्यक्ति के इसकी चपेट में आने की पुष्टि की। साथ ही वहां हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य संबंधी जांच तेज कर दी गई है। सीएटल के 30 वर्षीय पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और तमाम तरीके के एहतियात बरते जा रहे हैं। यह पीड़ित व्यक्ति चीन के वुहान से लौटा था, जहां इस विषाणु के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।
वहीं बीबीसी की खबर के अनुसार, इस बीमारी को लेकर डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें इसे अंतरराष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार होगा- जैसा कि उसने स्वाइन फ्लू और इबोला के समय किया था।
अगर ऐसी घोषणा की जाती है तो इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में समन्वय का तत्काल आह्वान किया जाएगा, क्योंकि 24 जनवरी से शुरू हो रहे चीनी नववर्ष और बसंत उत्सव की छुट्टियों के दौरान लाखों चीनी स्वदेश या अपने देश से दूसरे देश की यात्रा करेंगे। इन लोगों की यात्रा से बीमारी के प्रसार का जोखिम कई गुना बढ़ जाएगा। भारत इस मामले में पहले ही यात्रा परामर्श जारी कर चुका है।