भारत-चीन के विदेश मंत्री जहां एक तरफ रूस तनाव को सुलझाने में लगे हैं वहीं चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स की तरफ से धमकियां दी जा रही हैं। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अगर भारतीय सेना पैंगॉन्ग त्सो झील (लद्दाख) के दक्षिणी हिस्से से नहीं हटती तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पूरे ठंड के मौसम में वहीं जमी रहेगी।
चीन के सरकारी मीडिया में धमकी देते हुए लिखा गया है कि भारतीय सैनिकों ने LAC पार किया है, अगर भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटें तो हम सीमा पर तनाव बनाए रखेंगे और ये तनाव युद्ध में भी बदल सकता है।
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी लीड स्टोरी में लिखा है कि भारतीय सैनिक एलएसी पार कर गए हैं। चीनी उन्हें पीछे हटने और उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग करता है। अगर भारत इसे स्वीकार नहीं करता है तो हम सीमा पर तनाव बनाए रखेंगे। जहां दोनों ताकतों के बीच टकराव होना है, वो बेहद ऊंचाई के दुर्गम इलाके हैं। दोनों पक्षों के लिए वहां बड़े पैमाने पर सेनाएं बनाए रखना मुश्किल है। तो चलो और इच्छाशक्ति का एक शो शुरू करें। सर्दियां आने पर दोनों अपने रसद पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।'
ग्लोबल टाइम्स को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माना जाता है, उसमें एक लेख में लिखा है कि अगर भारतीय सेना पीएलए पर गोलियां चलाएगी तो तुरंत युद्ध शुरू हो जाएगा। भारत ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया है, वो फ्रांसीसी राफेल फायटर जेट ले आए हैं। लेकिन ये सब काम नहीं आएगा, पीएलए जल्दी भारतीय सैनिकों को झटका देगी।
बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में भारत से सर्दियों में बड़ी तादात में सेना बनाए रखने की क्षमता नहीं है। कई भारतीय सैनिकों को ठंड और बेकाबू महामारी के खतरे का सामना करना पड़ेगा। भारतीय सैनिकों के मुकाबले पीएलए के पास रसद की कोई तुलना नहीं है।'
अखबार यहीं नहीं रुका और उसके आगे लिखा कि यदि भारत शांति चाहता है, तो चीन और भारत 7 नवंबर, 1959 के LAC को बरकरार रखना चाहिए। अगर भारत युद्ध चाहता है तो देखते हैं कि कौन सा देश दूसरे को मात दे सकता है।
चीन की GDP भारत की तुलना में पांच गुनी है और रक्षा बजट दो से तीन गुना है। भारत चट्टान को अंडे से मार रहा है। हमें भारतीय राष्ट्रवादी ताकतों को ये बात अच्छे से समझा देनी चाहिए।