नई दिल्ली। मोदी सरकार ने चीनी ऐप्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 232 ऐप्स पर प्रतिबंधि लगा दिया गया। इनमें से 138 ऐप्स सट्टे और 94 ऐप्स लोन से संबंधित है।
गृह मंत्रालय की अनुशंसा पर तुरंत कार्रवाई करते हुए इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तुरंत चीनी लिंक वाली इन ऐप्स को बैन कर दिया।
इन ऐप्स से लोन लेना बहुत आसान था। जहां आमतौर पर किसी सरकारी या ग़ैर-सरकारी बैंक से लोन लेने के लिए कई तरह के दस्तावेज़ जमा करने होते हैं, वेरिफिकेशन करानी होती है वहीं इस ऐप से लोन लेना चुटकी बजाने जितना आसान है। लेकिन लोन के बदले भारी ब्याज वसूला जाता है। इसी तरह सट्टे से जुड़े एप्स के जाल में उलझकर कई युवाओं का जीवन बर्बाद हो जाता है।
सरकार का कहना है कि ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिहाज से नुकसानदेह हैं। इन ऐप्स का जासूसी और प्रोपेगेंडा के औजार के रूप में भी दुरुपयोग किया जा सकता है। इससे भारतीय नागरिकों के डेटा लीक होने का भी खतरा था।
2022 में भारत सरकार ने चीन से संबंधित 54 मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित किया था। जून 2020 भी में सरकार ने टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी थी।
जून 2020 में भारत सरकार ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पैदा हुए तनाव के बाद उठाया था। उसके बाद इन प्रतिबंधित ऐप के नकली संस्करण के रूप में उतारे गए ऐप को भी अगस्त 2020 में प्रतिबंधित कर दिया था। उसी साल सितंबर में भी सरकार ने 118 अन्य चीनी ऐप पर भी पाबंदी लगा दी जिनमें लोकप्रिय गेमिंग ऐप पब्जी भी शामिल था।
पर्सनल डाटा लिक होने से कैसे बचें : अपना पर्सनल डेटा चोरी होने से बचाने के लिए आप अपने डिवाइस से उन ऐप्स को डिलीट कर दें जिनका आप रेगुलर उपयोग नहीं करते हैं। इसके अलावा आप अनावश्यक ऐप्स को भी हटा दें, क्योंकि कई ऐप ऐसे होते हैं, जो आपका डाटा बेचकर पैसा कमाते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta