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लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद तनातनी

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। लद्दाख सेक्टर में पिछले महीनों के दौरान कई बार चीनी सेना की घुसपैठ के बाद तनातनी का जो माहौल बना था वह अभी भी जारी है। तनातनी के बीच अतिरिक्त सैनिकों को चीन सीमा से सटे एलएसी के उन इलाकों में रवाना किया जा चुका है जहां चीनी सेना अपना इलाका होने का दावा करते हुए कई बार घुसपैठ को अंजाम दे चुकी है। लद्दाख सीमा पर पैंगोंग झील के पास चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की खबर आई है।


खुफिया रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि चीनी सैनिक लद्दाख में पैंगोंग झील के पास भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर अंदर तक घुस आए। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपकर चीनी घुसपैठ की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने उत्तरी पैंगोंग झील के पास गाड़ियों के जरिए 28 फरवरी, 7 मार्च और 12 मार्च 2018 को घुसपैठ की गई।

आईटीबीपी ने चीन के इस घुसपैठ पर विरोध भी दर्ज कराया। पैंगोंग झील के पास 3 जगहों पर चीनी सेना ने घुसपैठ की, इस दौरान चीनी सैनिक 6 किलोमीटर तक अंदर घुस आए थे। चीन ने लद्दाख सेक्टर में इस साल मार्च महीने में सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिशें की हैं। चीन ने पिछले एक महीने में 20 बार भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ की। 8 अप्रैल को ही खबर आई थी कि अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है।

साथ ही चीन ने इस क्षेत्र में एक बार फिर से अपना दावा ठोका है। उसने इस क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया है। चीन का दावा है कि असफिला क्षेत्र उसका हिस्सा है। हालांकि भारतीय सेना ने चीनी सेना के इन आरोपों और आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया। आपको बता दें कि लद्दाख सीमा पर पैंगोंग झील के पास का यह वही एरिया है जहां पिछले साल 15 अगस्त को भारतीय व चीनी जवानों के बीच झड़प हुई थी।

चीनी जवानों ने पैंगोंग झील के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें भारतीय जवानों ने रोक दिया। इसे लेकर तेज झड़प हुई और सैनिकों में एक घंटे से ज्यादा समय तक गतिरोध चला जिस दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने पथराव किया था। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि लद्दाख सेक्टर में भी चीनी सेना की लगातार घुसपैठ से निपटने की खातिर लद्दाख के मोर्चे पर अतिरिक्त जवानों को रवाना किया जा चुका है। यही नहीं चीन सीमा पर माहौल के आने वाले दिनों में और गर्म होने की आशंका इसलिए भी जताई जाने लगी है क्योंकि लद्दाख सेक्टर की जिम्मेदारी संभालने वाली सेना की 14वीं कोर ने चीनी सेना की बार-बार की घुसपैठ से होने वाली फजीहत और सैनिकों का मनोबल बरकरार रखने की खातिर चीनी घुसपैठ से निपटने को ठोस कार्रवाई की इजाजत मांगी है।

हालांकि सैन्य सूत्रों ने अगले कुछ दिनों में लद्दाख सेक्टर में चीन से सटी 525 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा और 305 किमी इंटरनेशनल बार्डर पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की तैयारी की खबर की पुष्टि की थी जबकि आए दिन घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों के विरुद्ध ठोस सैन्य कार्रवाई की मांगी गई इजाजत पर चुप्पी साध रखी थी। याद रहे लद्दाख के कई सेक्टरों खासकर दमचोक, चुमार और चुशूल में चीनी सैनिक लगातार घुसपैठ कर भारतीय सैनिकों को उकसा रहे हैं।

पिछले कुछ सालों के दौरान भी 100 से अधिक बार चीनी सैनिक चुमार क्षेत्र में घुसपैठ कर चुके हैं। तीन साल पहले तो वे एक बार लगातार 20 दिनों तक दल-बल और भारी हथियारों के साथ डेरा जमाकर बैठे रहे थे और तभी क्षेत्र से हटे थे जब उन्होंने भारतीय फौज को अपने ही इलाके से 25 किमी पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, चीनी सेना की इस ‘बढ़त’ और आए दिन की घुसपैठ लद्दाख मोर्चे की जिम्मेदारी संभालने वाली सेना की 14वीं कोर के सैनिकों के मनोबल को कम कर रही है।

बार-बार की फजीहत के कारण सैनिकों का मनोबल बहुत हद तक गिर गया है। अधिकारी कहते थे कि ऐसी परिस्थिति अगर लगातार बनी रही तो आने वाले दिनों में उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण था कि चीनी सेना के छुपे इरादों और मुंहतोड़ जवाब देने की खातिर भारत सरकार फूंक-फूंक कर कदम रखने की नीति पर चल रही है। बताया जाता है कि लद्दाख के मोर्चे पर चीनी सीमा पर हजारों अतिरिक्त जवानों की तैनाती को मंजूरी दे दी गई है।

फिलहाल इसका खुलासा नहीं हुआ है कि कश्मीर में आतंकवाद के मोर्चे पर तैनात जवानों को लद्दाख के मोर्चे पर भेजा जाएगा या फिर पाकिस्तान से सटी एलओसी पर तैनात जवानों को। अधिकारी कहते थे कि चीन से सटी 830 किमी लंबी सीमा पर तैनाती कोई आसान काम नहीं है। सीमा पर जिन स्थानों पर चीनी सेना आधे घंटे में पहुंच जाती है वहां भारतीय सैनिकों को सड़कों की गैर मौजूदगी में कई कई दिन पैदल सफर करना पड़ता है और तभी जाकर वे उस स्थान पर पहुंच पाते हैं जहां चीनी सैनिक घुसपैठ कर भारतीय जवानों और देश की संप्रभुत्ता को ललकार रहे होते हैं।

चीनी सेना की बार-बार की ललकार का भारतीय सेना जवाब देना चाहती है। रक्षाधिकारी कहते हैं कि भारतीय फौज इसमें सक्षम है। वे कहते हैं कि देर सिर्फ निर्देश मिलने की है। मिलने वाली खबरों के मुताबिक, सेना की 14वीं कोर चाहती है कि चीनी सेना के साथ बातचीत के साथ-साथ ठोस कार्रवाई भी की जानी चाहिए, ताकि वह भारतीय क्षेत्र में यूं घुसने की हिम्मत फिर से न दिखा पाए।

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