नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद के आह्वान का नैतिक समर्थन किया और दावा किया कि वह जब तक हैं तब तक आरक्षण में किसी भी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है।
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चिराग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि एससी-एसटी आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद के फैसले का मैं और मेरी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पक्ष में नैतिक रूप से समर्थन व्यक्त करती है। समाज के शोषितों और वंचितों के हक की आवाज बनना हमारा कर्तव्य है।
लोजपा के संस्थापक और अपने पिता रामविलास पासवान को याद करते हुए चिराग ने कहा कि वह भी सड़क से लेकर सदन तक सदैव अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग सरकार भी शोषितों और वंचितों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
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चिराग ने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल में यह फैसला किया गया था कि जैसे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने आरक्षण के प्रावधान रखे थे, वह ठीक वैसे ही रहेंगे और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ नहीं की जाएगी। इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। मैं आश्वस्त करता हूं कि जब तक मैं हूं, तब तक आरक्षण में किसी भी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है।
गौरतलब है कि एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले एक अगस्त के फैसले के खिलाफ आज देश भर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। संगठनों ने न्यायालय क इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी।
Edited by : Nrapendra Gupta