Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Delhi UPSC student death: पाताल लोक बना इंदौर में भंवरकुआं कोचिंग हब, भयावह लापरवाही में लग रहीं सपनों की कक्षाएं

हमें फॉलो करें coaching mafia
webdunia

नवीन रांगियाल

  • दिल्‍ली कोचिंग हादसे में 3 मौतों के बाद भी नहीं उड़ रही इंदौर प्रशासन की नींद
  • एक दो संस्‍थानों पर खानापूर्ति कार्रवाई, कैसे सुरक्षित होगी स्‍टूडेंट की जान
  • इंदौर में बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरियां, सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम
  • भंवरकुआं और भोलाराम उस्‍ताद मार्ग पर चल रहे 100 से ज्‍यादा कोचिंग संस्‍थान
जिस इमारत की तरफ देखो उस तरफ भविष्‍य का सपना दिखाते होर्डिंग और विज्ञापन। सड़क पर स्‍टूडेंट का हुजूम। अगर सड़क पर और इमारतों के आसपास कहीं कुछ है तो बस तमाम शहरों से अपने सपनों को झोले में सहेजकर आने वाले लाखों स्‍टूडेंट हैं। यह दृश्‍य है इंदौर के सबसे बड़े कोचिंग हब भंवरकुआं और भोलाराम उस्‍ताद मार्ग का।
किसी की आंखों में आइएएस बनने का सपना है तो किसी को डॉक्‍टर-इंजीनियर बनना है। कोई सीए बनना चाहता है तो कोई आईआईटीयन। मां-बाप ने अपने लाड़लों को कर्ज लेकर और घर गिरवी रखकर सबसे तेजी से बढ़ते शहर इंदौर में पढ़ने के लिए भेज दिया है। लेकिन उन्‍हें अंदाजा भी नहीं है कि इंदौर की जिन कोचिंग संस्‍थानों और लाइब्रेरियों में वे अपने सपने को आकार दे रहे हैं वहां कोई हादसा, कोई लापरवाही उनकी जीवन लीला समाप्‍त कर सकती है।

इंदौर के भंवरकुआं और भोलाराम उस्‍ताद मार्ग पर संचालित कोचिंग सेंटर भले ही स्‍टूडेंट के लिए अपने सपने पूरे करने का स्‍वर्ग हो, लेकिन हकीकत में यह किसी नरक से कम नहीं है। कहीं बेसमेंट में क्‍लासेस चल रही हैं तो कहीं गंदगी के अंबार के बीच। कहीं हादसे और इमरजेंसी की स्‍थिति में एक से ज्‍यादा एक्‍जिट नहीं है तो कहीं बहुत ही संकरी गलियों और ठस ठस के स्‍टूडेंट बैठे हैं। ऐसा लगता है यह कोई पाताल लोक है जहां कॅरियर बनाने की कक्षाएं लग रही हैं।
ALSO READ: Delhi coaching : बेसमेंट में थी लाइब्रेरी, मिनटों में भर गया 12 फीट पानी, क्या बायोमैट्रिक बना बच्चों की मौत की वजह?
अब जागा इंदौर प्रशासन : दिल्ली में एक कोचिंग संस्‍थान में आईएएस की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की डूबने से हुई दर्दनाक मौत के बाद इंदौर प्रशासन नींद से जागा है। अब तक इंदौर का जिला प्रशासन और नगर निगम बेपरवाह होकर किसी हादसे के इंतजार में था। लेकिन दिल्‍ली हादसे के बाद मंगलवार को इंदौर में भंवरकुआं और भोलाराम उस्‍ताद मार्ग स्थित कुछ कोचिंग संस्थान और लाइब्रेरी पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई। यहां बेसमेंट में चल रहे ‘अभ्यास’ नाम की एक लाइब्रेरी को खाली कराने के बाद सील किया गया। हालांकि यह नाकाफी है, सैकडों ऐसी संस्‍थाएं हैं, जो भयंकर लापरवाही के बीच चल रही है, अगर इन्‍हें समय पर कंट्रोल नहीं किया गया तो किसी दिन बडी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता।
ALSO READ: लाखों फीस, सिक्‍योरिटी जीरो, कोटा में आत्‍महत्‍याएं, दिल्‍ली में मौतें, देश में महामारी बनकर पसरा कोचिंग माफिया
देश के भविष्‍य के साथ वेबदुनिया : दरअसल, इंदौर के नगर निगम टीम ने वेबदुनिया की सक्रियता के बाद संज्ञान लेते हुए भंवरकुआ इलाके में ऐसे कोचिंग संस्‍थानों और लाइब्रेरियों को चिन्‍हित कर कार्रवाई शुरू की है, जो स्‍टूडेंट की जान से खिलवाड़ करते हुए जानलेवा हादसों का इंतजार कर रहे हैं। अगर यहां कोई हादसा होता है तो बड़ी संख्‍या में स्‍टूडेंट हताहत हो सकते हैं। बता दें कि वेबदुनिया शुरू से छात्र-छात्राओं के हित और उनके सरोकार की खबरों के लिए सबसे पहले खड़ा है। इसी कड़ी में वेबदुनिया ने फिट्जी जैसे बड़े कोचिंग संस्‍थान के फर्जीवाड़े को भी उजागर किया था।

पंचनामा बनाकर सील की लाइब्रेरी : मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे नगर निगम की टीम ने भंवरकुआं के कई संस्थानों और लाइब्रेरी का मुआयना किया। अभ्यास नाम से संचालित यह लाइब्रेरी बेसमेंट में चल रही थी। यहां 50 से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ रहे थे। निगम की टीम पहुंचते ही यहां हड़कंप मच गया। सबसे पहले टीम ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे स्टूडेंट को बाहर आने के निर्देश दिए। कार्रवाई के दौरान यहां 30 से 35 स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे थे। एक घंटे चली कार्रवाई बाद लाइब्रेरी को खाली कराया गया और पंचनामा बनाकर लाइब्रेरी को सील किया गया है।

दिल्ली हादसे के बाद जागा इंदौर : मौके पर मौजूद भंवरकुआं  क्षेत्र के एसडीएम घनश्‍याम धनगर ने वेबदुनिया को बताया कि दिल्ली हादसे के बाद इंदौर प्रशासन ने संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने बताया कि यहां बेसमेंट में लाइब्रेरी चल रही थी, जिसे कार्रवाई के बाद सील किया गया है। उन्होंने बताया की इंदौर में जहां भी इस तरह की कोचिंग संस्थान चल रहे हैं, जो स्टूडेंट के लिए रिस्की है, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
ALSO READ: FIIT-JEE कोचिंग संचालकों पर FIR, 67 परिजनों ने क्राइम ब्रांच को की थी शिकायत, 1 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी
कोचिंग हब बना इंदौर का भंवरकुआ : बता दें कि इंदौर के भंवरकुआं क्षेत्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तक्षशिला परिसर से सटा हुआ है। यहां एमपीपीएससी, यूपीएससी, मेडिकल, एमबीए, बैंकिंग, रेलवे, सीए और लॉ से लेकर तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सैंकड़ों कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी संचालित हो रही हैं। यहां लोकल से लेकर राष्ट्रीय स्तर की कोचिंग संस्थान चल रहे हैं।
webdunia

वेबदुनिया ने देखी ये हकीकत : वेबदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि इनमे से कई संस्थान और लाइब्रेरी या तो बेसमेंट में चल रहे हैं या बहुत सिकुड़ी हुई जगह से चल रहे हैं। सबसे साफ शहर का तमगा लिए इंदौर में इन कोचिंग सेंटर की इमारतों के पास भयंकर गंदगी का अंबार लगा है। तो कहीं सेंटर इलेक्ट्रिक तारों के जाल के सामने चल रहे हैं। आपात की स्थिति में सेंटर और लाइब्रेरी से निकलने के लिए कोई सुविधा नहीं है। ज्यादातर लाइब्रेरी में आने और जाने के लिए एक ही दरवाजा है। वही संकुचित स्थानों में ये सेंटर चल रहे हैं। अगर हादसा होता है तो यहां कई स्‍टूडेंट के हताहत होने की आशंका है, जो अपने सपने पूरे करने के लिए यहां आते हैं।
ALSO READ: इंदौर-भोपाल, नागपुर, जयपुर से लेकर देशभर के शहरों में क्‍यों शटडाउन हो रहे FIIT JEE सेंटर्स, क्‍या है स्‍कैम?
कोचिंग सेंटर से पटा भंवरकुआं : भंवरकुआं एमपीपीएससी, यूपीएससी, मेडिकल, एमबीए, बैंकिंग, रेलवे, सीए और लॉ से लेकर तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां करीब सौ से ज्यादा सेंटर और स्टडी सेंटर चल रहे हैं। यह सिर्फ एक अनुमानित आंकड़ा है, सेंटरों की वास्‍तविक संख्‍या कहीं ज्‍यादा हो सकती है। यह पूरा इलाका इन कोचिंग के होर्डिंग, बोर्ड और विज्ञापनों से पटा पड़ा है। अपने होर्डिंग से इन सेंटरों ने पूरे फुटपाथ पर कब्जा जमा रखा है। कहीं पार्किंग की सुविधा नहीं है तो कहीं जमकर अतिक्रमण किया गया है।

पूरे देश से पढ़ने आते हैं लाखों स्टूडेंट : बता दें की इंदौर एजुकेशन का हब बनता जा रहा है। ऐसे में यहां मध्यप्रदेश से लेकर देश के कई राज्यों से स्टूडेंट लाखों की संख्या में पढ़ने आते हैं। इनमें राजस्‍थान, गुजरात, छत्‍तीसगढ़ और महाराष्‍ट्र के कई शहरों के हजारों स्‍टूडेंट शामिल हैं।

होस्‍टल की बाढ़ आई : इन कोचिंग संस्‍थानों और लाइब्रेरियों की वजह से यहां बाहर से आने वाले स्‍टूडेंट के लिए होस्‍टल की बाढ़ सी आ गई है। भंवरकुआं और भोलाराम उस्‍ताद मार्ग के आसपास के रेसिडेंशियल इलाके पूरी तरह से होस्‍टल में तब्‍दील हो चुके हैं, जहां हजारों बहारी छात्र-छात्राएं रहते हैं।
ALSO READ: FIIT JEE Expose: पहले जमा कराई लाखों की फीस अब बंद किए सेंटर, अधर में लटका बच्चों का भविष्य
सरकार की गाइडलाइन की उड़ी धज्‍जियां : बता दें कि प्राइवेट कोंचिंग सेंटर्स की मनमानी और धांधली पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी। गाइडलाइन के मुताबिक कोचिंग सेंटर में अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं कर सकते। कोचिंग सेंटर किसी छात्र से मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकते। नियमों का उल्लंघन करने पर पहले बार 25 हजार रुपए दूसरी बार 1 लाख रुपए और तीसरी बार रजिस्ट्रेशन कैंसल करने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम कहीं नजर नहीं आता है। सवाल यह है कि देश में बढ़ते कोचिंग क्‍लास के इस जानलेवा कल्‍चर से कैसे और कब देश के भविष्‍य को मुक्‍ति मिलेगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की बार काउंसिल को वकीलों के पंजीकरण शुल्क को लेकर दिया अहम फैसला