जम्मू। विश्व प्रसिद्ध पर्यटनस्थल गुलमर्ग में तापमान शून्य से 7 डिग्री नीचे चला गया है। सर्दियों में ऐसा होना कोई खास बात नहीं है और न ही कोई खबर है। बल्कि खबर यह कही जा सकती है कि कश्मीर भयानक सर्दी की आगोश में है और कश्मीरी फिर से बिजली की तलाश में हैं क्योंकि सरकार ने एक बार फिर कश्मीर में कम से कम 7 घंटों का घोषित बिजली कट लगाने का निर्देश दिया है। अघोषित कट कितना होगा, यह मौसम पर निर्भर करेगा।
करीब 11 साल पहले प्रदेश में बिजली के अत्याधुनिक मीटर इस वायदे के साथ लगाए गए थे कि 24 घंटें बिजली की आपूर्ति होगी। पर प्रशासन उन बिजली चोरों को आज भी तलाश नहीं कर पाया जो कैसे बिजली चोरी करते हैं, यह बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बेहतर जानते हैं।
कश्मीर में बिजली चोरी कितनी है सरकारी आंकड़ों से ही अंदाजा लगाईए। सिर्फ कश्मीर मंडल में बिजली का अधिकृत लोड 860 मैगावाट है। और कल सप्लाई की मांग 2800 मैगावाट थी। जबकि बिजली विभाग सभी स्रोत्रों से सिर्फ 1750 मैगावाट बिजली की आपूर्ति करने में ही सक्षम हुआ था।
नतीजा सामने है। भयानक सर्दी के बीच कश्मीरियों को घोषित व अघोषित पावर कट से जूझना पड़ रहा है। घोषणा के अनुसार, बिना मीटर वाले इलाकों में 7 से 8 घंटे बिजली नदारद रहेगी और मीटर वालों को भी दिनभर में 6 घंटे बिजली नहीं मिलेगी। हालांकि कश्मीर में एक सप्ताह से 10 से 12 घंटें बिजली लापता हो रही है।
बिजली की कटौती और टुकड़ों में आने जाने के उसके सफर का असर सब जगह दिखने को मिल रहा है। सबसे अधिक टूरिस्टों परेशान हैं जो किसी तरह कोरोना के खतरे के बीच कश्मीर में बर्फबारी देखने को पहुंचे हैं। गुलमर्ग में तो माइन्स 7 डिग्री के तापमान में बिना बिजली के पर्यटन की खुशी मनाने आने वालों की तो दाद ही देनी पड़ती थी।