इस सप्ताह 56 सदस्य देशों के शीर्ष लोक सेवकों की एक बैठक के बाद भारत की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण प्रणाली को राष्ट्रमंडल भर में सर्वोत्तम कार्यप्रणाली के रूप में मान्यता दी गई है। लंदन में राष्ट्रमंडल सचिवालय मार्लबोरो हाउस मुख्यालय में सोमवार और बुधवार के बीच आयोजित तीसरी द्विवार्षिक पैन-कॉमनवेल्थ लोक सेवा प्रमुखों की बैठक में केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर प्रकाश डाला गया।
इस बैठक का विषय शासन में सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए कुशल सरकार को संस्थागत बनाना था, जिसके तहत भारत सरकार के प्रशासनिक विभाग ने एक प्रस्तुति दी।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य समकालीन ज्ञान, विचारों और अनुभवों को साझा करना था। इस दौरान इस विषय पर ध्यान केंद्रित किया गया कि राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों में सतत विकास के लिए 2030 एजेंडे हेतु बेहतर सेवा वितरण और उपलब्धि के लिए ई-सेवाओं के प्रावधान का समर्थन करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
इस बैठक को भूटान के शाही साम्राज्य के प्रधानमंत्री माननीय शेरिंग टोबगे और राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने संबोधित किया।
बयान के अनुसार प्रतिनिधियों ने रवांडा, केन्या, भारत और नामीबिया के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत पत्रों और देश के अध्ययनों की सराहना की और कहा कि यह मंच नेटवर्किंग और सार्वजनिक सेवा प्रबंधन पर ज्ञान, विशेषज्ञता एवं विचारों को साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है। भाषा