Nishikant Dubey Dinesh Sharma news in hindi : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों पर बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान को डैमेज कंट्रोल बताते हुए पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर भाजपा के दो सांसदों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों से भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष द्वारा दूरी बनाए जाने का कोई विशेष अर्थ नहीं है। ये सांसद घृणा फैलाने वाले बयानों को बार बार दोहराते रहने के लिए कुख्यात हैं और अक्सर G2 द्वारा समुदायों, संस्थानों और व्यक्तियों पर हमले के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्पष्टीकरण डैमेज कंट्रोल के अलावा कुछ नहीं है। इससे कोई मूर्ख नहीं बनेगा। यह इंटायर पॉलिटिकल साइंस नहीं बल्कि इंटायर पॉलिटिकल हिपोक्रेसी की मिसाल है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के उच्च संवैधानिक पद पर बैठे एक अति विशिष्ट व्यक्ति द्वारा न्यायपालिका पर बार-बार की जा रही अस्वीकार्य टिप्पणियों पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। क्या इन टिप्पणियों पर उनका कोई मत नहीं है? क्या भाजपा इन बयानों का समर्थन करती है?
अगर संविधान पर इस तरह के निरंतर हमलों को प्रधान मंत्री मोदी की मौन स्वीकृति नहीं है तो इस सांसद के खिलाफ कड़े कदम क्यों नहीं उठा रहे? क्या नड्डा जी ने इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया?
दुबे ने न्यायालय पर आरोप लगाया कि वह विधायिका द्वारा पारित कानूनों को रद्द करके संसद की विधायी शक्तियों को अपने हाथ में ले रहा है और यहां तक कि राष्ट्रपति को निर्देश भी दे रहा है, जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति कर्ता प्राधिकारी हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकता। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयानों को व्यक्तिगत बताते हुए इससे दूरी बना ली थी।
इस बीच भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान को लेकर उच्चतम न्यायालय के वकील ने अवमानना की कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अटॉर्नी जनरल को इसको लेकर चिट्ठी लिखी है।
Edited by : Nrapendra Gupta