नई दिल्ली। कांग्रेस ने अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अडाणी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी को करनी चाहिए क्योंकि भारत की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुरक्षा इन संस्थानों की जिम्मेदारी है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि इस कारोबारी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच नजदीकी रिश्ते हैं और इस समूह को इसका फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर राजनीतिक दलों को किसी कंपनी या कारोबारी समूह के बारे में आई किसी अध्ययन रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए, लेकिन अडाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च के फॉरेँसिक अध्ययन पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया जरूरी है। अडाणी समूह कोई सामान्य समूह नहीं है, बल्कि इसकी पहचान नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके नजदीकी होने की है।
रमेश ने कहा कि जो आरोप लगे हैं उनकी जांच व्यापक जनहित में रिजर्व बैंक और सेबी जैसी संस्थाओं द्वारा की जानी चाहिए जिन पर भारतीय वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुरक्षा की जिम्मेदारी है। अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर कई आरोप लगाए हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े अदाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई।
अडाणी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत बिना सोचे-विचारे काम करने के लिए अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है। वहीं अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।