नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रेवड़ी कल्चर की टिप्पणी को लेकर छिड़ी राजनीतिक बहस के बीच शुक्रवार को उन पर झूठ की गठरी कल्चर अपनाने का आरोप लगाया और सवाल किया कि आखिर इससे देश को मुक्ति कब मिलेगी?
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने केंद्र सरकार के 2022 की समयसीमा वाले कुछ वादों का उल्लेख करते हुए यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री 15 अगस्त के अपने भाषण में इन वादों को लेकर कोई नई समयसीमा बताएंगे?
उन्होंने कहा कि देश के लोगों को सहयोग देना, मुसीबत के समय उनका हाथ पकड़ना अगर मुफ्त की रेवड़ी है, तो जो लाखों-करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया है, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए।
वल्लभ ने दावा किया, '2013 में पारित खाद्य सुरक्षा कानून के आधार पर केंद्र सरकार ने 80 करोड़ नागरिकों को राशन वितरित किया। इस कानून के तहत सरकार किसानों से अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीदने के लिए बाध्य है। किसानों से अनाज की खरीद को रेवड़ी कल्चर कहा जा रहा है, जबकि पिछले पांच वर्षों में 9.92 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया।'
उन्होंने कहा, 'हम मोदी सरकार को याद दिलाना चाहते हैं कि उसने 2022 की समयसीमा रखकर कौन से वादे किए थे। उसने कहा था कि 2022 तक देश के हर किसान की आय दोगुनी हो जाएगी, हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 5000 अरब डॉलर हो जाएगा। यह सूची बहुत लंबी है।'
वल्लभ ने सवाल किया, 'झूठ की गठरी कल्चर से कब निदान मिलेगा? प्रधानमंत्री जी, क्या अब स्वाधीनता दिवस पर अपने भाषण में इन वादों की नयी समयसीमा बताएंगे?'