नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद आरोप लगाया कि सरकार महंगाई के विषय पर चर्चा कराने से भाग खड़ी हुई। इस कारण लोकसभा एवं राज्यसभा की बैठकें अचानक से स्थगित करवा दी गईं। मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि सरकार किसान संगठनों के साथ समझौते के संदर्भ में चर्चा नहीं कराना चाहती थी।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है। पिछले कुछ दिनों के दौरान पेट्रोल और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर से अधिक की वृद्धि की गई है। रसोई गैस सिलेंडर पर 50 रुपए बढ़ाए गए हैं। सीएनजी के दाम में भी रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। उर्वरक के दाम में वृद्धि की गई है जिससे किसानों को दिक्कत हो रही है। हम इस पर चर्चा चाहते थे। लेकिन सरकार चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हुई।
खड़गे ने आरोप लगाया कि संसद की बैठक को निर्धारित समय से पहले स्थगित करा दिया गया। उन्होंने कहा कि एजेंडे में यह था कि दोनों सदन शुक्रवार तक चलेंगे। हम तो तैयार थे। ऐसा लगता है कि गरीबों, किसानों और युवाओं की समस्याओं को यह सरकार सुलझाना नहीं चाहती।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन चलाने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच चर्चा होती है। यह परंपरा है कि जब हम कोई मुद्दा उठाते हैं तो इस बारे में अध्यक्ष से आग्रह करते हैं या फिर कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में अपनी बात रखते हैं।
उन्होंने बताया कि बीएसी की बैठक में हमारी पार्टी की तरफ से हमने दो मुद्दे रखे थे। हमने आग्रह किया था कि गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से संबंधित अनुदान की मांगों पर भी चर्चा होनी चाहिए। हमने नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की मांग की थी, इसके साथ ही हमने महंगाई पर चर्चा की मांग भी की थी।
चौधरी ने आरोप लगाया कि बीएसी की बैठक में तय हो गया था कि महंगाई पर चर्चा होगी। कल शाम को पता चला कि सदन स्थगित होने वाला है। इससे पहले इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। सरकार महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने से भाग खड़ी हुई है।