नई दिल्ली। कांग्रेस सदस्य रजनी पाटिल को राज्यसभा की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए शुक्रवार को मौजूदा सत्र की शेष बैठकों से निलंबित कर दिया गया।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पाटिल ने सदन की गुरुवार की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग कर उसे ट्विटर पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है।
इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता सदन पीयूष गोयल सहित विभिन्न दलों के कई सदस्यों का पक्ष सुनने के बाद उन्होंने इसकी घोषणा की। उन्होंने इस मुद्दे पर संसदीय विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक पाटिल को शेष बजट सत्र के लिए निलंबित करने की घोषणा की।
इससे पहले, धनखड़ ने सांसदों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई और संकेत दिया कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान विपक्षी दलों के हंगामे की वीडियो रिकार्डिंग की है।
बाद में, सदन के नेता पीयूष गोयल ने पाटिल के निलंबन की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद सभापति ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने को कहा। इस दौरान कई विपक्षी सदस्यों ने कहा कि राज्यसभा टीवी सदन की कार्यवाही को कवर करने में पक्षपाती था। वहीं, कुछ सदस्यों की राय थी कि सदन की कोई समिति इस मुद्दे पर गौर करे।
रजनी पाटिल ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और इतना सख्त कदम उठाना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सदन में जिस तरह से चर्चा हो रही है, अनजाने में कोई गलती हो गई हो तो इतनी बड़ी सजा देंगे, नाम ले लेकर... तो मुझे लगता है कि जो स्वतंत्रता सेनानी के घर से आती हो, उसे यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है।
पाटिल ने कहा कि अगर आप चाहते हैं तो मुझे इस सत्र के लिए नहीं, आने वाले सभी सत्रों के लिए निलंबित कर सकते हैं और मैं इस्तीफा भी दे सकती हूं...। धनखड़ ने कहा कि इस संबंध में एक सुझाव यह भी आया कि किसी बाहरी एजेंसी द्वारा तत्काल जांच कराई जाए, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया है।
कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने आरोप लगाया कि राज्यसभा टीवी द्वारा उच्च सदन की कार्यवाही के कवरेज में विपक्षी सदस्यों के खिलाफ पक्षपात किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों को नहीं दिखाया गया। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या सिर्फ विपक्ष को बदनाम करने के लिए ऐसा वीडियो पोस्ट किया गया। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala