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कांग्रेस का सवाल, भाजपा-चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में ‘अच्छे संबंध’ के बावजूद हमारी सीमाएं असुरक्षित क्यों?

हमें फॉलो करें कांग्रेस का सवाल, भाजपा-चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में ‘अच्छे संबंध’ के बावजूद हमारी सीमाएं असुरक्षित क्यों?
, गुरुवार, 25 जून 2020 (17:26 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने भाजपा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच अच्छे संबंध होने का दावा करते हुए गुरुवार को सवाल किया कि इस स्थिति के बावजूद आज हमारी सीमाएं असुरक्षित क्यों हैं।
 
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया कि चीन इन दिनों विश्व समुदाय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान का इस्तेमाल अपने पक्ष में कर रहा है।
 
खेड़ा ने वीडियो लिंक के माध्यम से कहा कि जब राजनाथसिंह भाजपा के अध्यक्ष थे तब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 30 जनवरी 2007 को उनसे मिलने आया और वक्तव्य में भाजपा द्वारा यह कहा गया कि उसके और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।

उनके मुताबिक 17 अक्टूबर 2008 को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के महत्वपूर्ण सदस्य राजनाथसिंह से मिले और फिर से यह दोहराया गया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भाजपा के संबधों को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि जनवरी 2009 में आरएसएस एवं भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के आमंत्रण पर चीन की 5 दिवसीय यात्रा की। इस दौरान अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत पर चर्चा की गई। न तो आरएसएस एक राजनीतिक दल है और न भाजपा सत्ता में थी, लेकिन चीन जाकर और कम्युनिस्ट पार्टी के साथ बैठकर अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत जैसे महत्वूपर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही थी।

उन्होंने कहा कि 19 जनवरी 2011 को भारतीय जनता पार्टी के उस वक्त के अध्यक्ष नितिन गडकरी भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल को चीन की 5 दिवसीय यात्रा पर ले गए। इसका मकसद भाजपा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संबंधों को और मजबूती देना था।

खेड़ा ने कहा कि मई 2014 में भाजपा की सरकार बनी और नवंबर 2014 में भाजपा के 13 सांसद व विधायक एक सप्ताह की यात्रा पर चीन गए। यात्रा का उद्देश्य था दोनों सतारूढ़ दलों को मजबूती देना। यह प्रतिनिधिमंडल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के स्कूल जिसको ‘द पार्टी स्कूल’ कहा जाता है वहां पार्टी को किस तरह चलाया जाता है वह सीखने गए।

कांग्रेस नेता दावा किया कि मोदीजी के चीन से संबंध उस वक्त हैं जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। बतौर मुख्यमंत्री मोदीजी ने 4 बार चीन की यात्रा की और अनेक बार चीन के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों की गुजरात यात्रा हुई। 
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उन्होंने सवाल किया कि हम जानना चाहते हैं कि क्या भाजपा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भाजपा के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजती रही है? इससे देश को क्या फायदा हुआ? इतने अच्छे संबंध होने के बावजूद भी हमारी सीमाएं असुरक्षित क्यों है?
 
उन्होंने दावा किया कि सरकार उन लोगों को लाल आंख दिखा रही है, जो आपके घर में बैठ कर आपको आगाह कर रहे हैं कि अपने घर की सीमाओं को हमें बचाना है और दुश्मन को आप क्लीन चीट दे रहे हैं ये इस देश के इतिहास में पहली बार हुआ है।
 
खेड़ा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य के अनुसार कि चीन में कोई घुसपैठ हुई ही नहीं। इस बयान को आज तक चीन पूरे विश्व समुदाय के सामने दिखा रहा है कि देखो भारत के प्रधानमंत्री स्वयं कह रहे हैं कि चीन अपने ही भूभाग पर है और गलवान हमारे भू-भाग में है। उन्होंने दावा किया कि ये भी इस देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 'प्रधानमंत्री कार्यालय' स्वयं प्रधानमंत्री के वक्तव्य का खंडन कर रहा है। (भाषा)

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