भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने अब पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव पर लगा दिया है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए स्पेशल प्लान-20 तैयार किया है। लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बनाए गए इस विशेष प्लान के तहत कांग्रेस सूबे की 29 लोकसभा सीटों में से 20 सीटों पर विशेष फोकस करने जा रही है।
अगर बात करें 2014 के लोकसभा चुनाव की तो तब कांग्रेस को प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस सूबे में केवल मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ की सीट छिंदवाड़ा और प्रदेश में कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय चेहरे माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट को बचा सकी थी। बाकी सभी 27 सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
बाद में लोकसभा के लिए उपचुनाव में कांग्रेस ने झाबुआ संसदीय सीट अपने खाते में जोड़ ली थी, वहीं अगर इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो प्रदेश में कांग्रेस को जीत हासिल हुई है उसके बाद प्रदेश की लगभग 17 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिस पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देती हुई नजर आ रही है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को मिले वोटों का आंकलन करने पर लोकसभा चुनाव में सियासी गणित कांग्रेस के पक्ष में जाते हुए दिख रहे हैं। हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को ग्वालियर-चंबल में जहां करारी मात दी, वहीं बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले इलाके मालवा और महाकौशल में कांग्रेस ने अपनी विरोधी पार्टी बीजेपी पर बड़ी बढ़त बनाई है।
इन 20 सीटों पर विशेष ध्यान : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की ऐसी 20 सीटों पर फोकस कर रही है, जहां उसको विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी पर बढ़त बनते हुए दिखाई दे रही है। अगर लोकसभा सीटों की बात करें तो विधानसभा चुनाव में मिले वोट प्रतिशत के हिसाब से कांग्रेस ग्वालियर-चंबल में मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना लोकसभा सीट, मालवा में झाबुआ, धार, खरगोन और देवास संसदीय सीट महाकौशल में छिंदवाड़ा, शहडोल, मंडला, राजगढ़ और बैतूल संसदीय सीट पर बीजेपी पर बढ़त बनाते हुए दिख रही है।
कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर अपनी मौजूदा बढ़त बनाए हुए रखना चाह रही है। इनमें से तीन लोकसभा सीटें छिंदवाड़ा, गुना और झाबुआ पर वर्तमान में कांग्रेस का ही कब्जा है। छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री कमलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया तो झाबुआ से कांतिलाल भूरिया पार्टी के सांसद हैं, वहीं कांग्रेस अपने प्लान 20 के तहत बाकी उन सात लोकसभा सीटों पर भी फोकस कर रही, जहां विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है।
अगर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले वोटों का प्रतिशत देखें तो पार्टी जबलपुर, दमोह, सतना, बालाघाट, होशंगाबाद, उज्जैन और सागर में बीजेपी को लोकसभा चुनाव में मिले वोटों के बड़े अंतर को पाटने में काफी सफल हुई है। इसमें से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की जबलपुर लोकसभा सीट, बीजेपी के बड़े नेता प्रहलाद पटेल की दमोह लोकसभा सीट, विंध्य के दिग्गज नेता गणेशसिंह की सतना सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है।
खजुराहो सांसद नागेन्द्र सिंह के विधायक बनने के बाद कांग्रेस इस सीट पर भी नए सियासी समीकरण तैयार करने में जुट गई है। उज्जैन सांसद चिंतामण मालवीय के बार-बार विवादों में रहने के बाद कांग्रेस उज्जैन सीट पर बीजेपी सांसद के खिलाफ लोगों के असंतोष का फायदा उठाना चाह रही है।