नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कार्यसमिति की बैठक (CWC Meeting) में रविवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के चुनाव के लिए निर्वाचन सूची तैयार किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए और यह पूछा कि पार्टी के संविधान के तहत उचित प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं।
खबरों के मुताबिक पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री की ओर से कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित कार्यक्रम रखे जाने से पहले शर्मा ने दावा किया कि उन्हें शिकायत मिली है कि निर्वाचन सूची को अंतिम रूप देने के लिए न तो कोई ऑनलाइन बैठक हुई और न ही प्रत्यक्ष उपस्थिति वाली कोई बैठक हुई।
सूत्रों ने बताया कि जी 23 समूह के प्रमुख सदस्य शर्मा ने बैठक में इस बात का भी उल्लेख किया कि किसी प्रदेश इकाई को उन डेलीगेट की कोई सूची नहीं मिली है जो अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करने वाले हैं तथा इस तरह की प्रक्रिया पूरे चुनाव की शुचिता का हनन करती है।
शर्मा ने डेलीगेट की निर्वाचन सूची सार्वजनिक करने की मांग की, जिस पर मिस्त्री ने कहा कि चुनाव लड़ने के इच्छुक किसी भी उम्मीदवार और प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को यह सूची उपलब्ध कराई जाएगी।
मिस्त्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में 9,000 से अधिक डेलीगेट मतदान करेंगे और सभी सूचियां सत्यापित हो चुकी हैं और इन पर निर्वाचन अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
शर्मा ने पिछले दिनों कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि निरंतर अलग-थलग रखे जाने और अपमानित किए जाने के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
उधर, जी 23 में शर्मा के साथी रहे गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था और आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर अपरिपक्व और बचकाने व्यवहार का आरोप भी लगाया था। कांग्रेस ने उन पर पलटवार करते हुए पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनका डीएनए मोदी-मय हो गया है।