Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इल्तिजा मुफ्ती का पासपोर्ट मामला बना पुलिस के गले की फांस, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

हमें फॉलो करें इल्तिजा मुफ्ती का पासपोर्ट मामला बना पुलिस के गले की फांस, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , सोमवार, 19 जून 2023 (18:59 IST)
जम्मू। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के पासपोर्ट का मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस के गले की फांस बन गया है क्‍योंकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने हाल ही में इल्तिजा जावेद की याचिका पर नोटिस जारी किया है। इस याचिका में सशर्त पासपोर्ट के मुद्दे को चुनौती दी गई थी, जो उनकी विदेश यात्रा के दायरे को प्रतिबंधित करता है।

हालांकि अप्रैल महीने में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के उपरांत क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उन्हें जो पासपोर्ट जारी किया था वह सिर्फ दो साल के लिए ही वैध होने के साथ ही उन्हें सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के लिए अनुमति दी गई था। इतना जरूर था कि पासपोर्ट कार्यालय का कहना था कि उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं होती है और सब पुलिस के सीआईडी विंग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर निर्भर करता है।

मैसर्स जहांगीर इकबाल गनई लॉ एसोसिएट्स के माध्यम से दायर अपनी याचिका में इल्तिजा ने तर्क दिया कि उन्हें प्रतिबंधित अवधि के साथ मात्र एक देश जाने का विशिष्ट पासपोर्ट जारी करने का निर्णय मनमाना है और इसमें तर्कशीलता और निष्पक्षता का अभाव है, जो व्यक्ति के अधिकार निर्धारित करने में किसी भी अथारिटी की कार्रवाई के आवश्यक पहलू हैं। वह पासपोर्ट अधिकारी को सीआईडी, जम्मू एंड कश्मीर द्वारा ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत उसके खिलाफ प्रस्तुत की गई टॉप सीक्रेट प्रतिकूल रिपोर्ट से भी व्यथित हैं।

इतना जरूर था कि इल्तिजा मुफ्ती के खिलाफ न ही कोई आपराधिक मामला दर्ज है और न ही कभी वे किसी गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त पाई गई हैं और सारे विवाद में जब पुलिस की भूमिका शक के दायरे में आई तो उसने पिछले तीन साल के आंकड़े पेश कर अपना बचाव करने की कोशिश की, जिसमें बताया गया कि पासपोर्ट के लिए आने वाले 99 प्रतिशत तक आवेदन क्लीयर किए जा रहे हैं।

इल्तिजा मुफ्ती के पासपोर्ट की वैधता इस साल 2 जनवरी को समाप्त हुई थी। उन्होंने पिछले साल ही 8 जून को इसके नवीनीकरण के लिए अप्लाई कर दिया, पर उन्हें पासपोर्ट जारी नहीं हुआ। कारण पासपोर्ट कार्यालय और पुलिस के सीआईडी विंग द्वारा दिए जाने वाले परस्पर विरोधी बयान थे।

मामला कोर्ट में गया तो पासपोर्ट कार्यालय ने अपना तर्क पेश करते हुए कहा था कि पासपोर्ट जारी करने के लिए सीआईडी की रिपोर्ट जरूरी होती है तो सीआईडी विंग ने पासपोर्ट कार्यालय के ही तर्क को नकारते हुए कहा था कि पासपोर्ट जारी करना या न जारी करने की जिम्मेदारी पासपोर्ट कार्यालय की होती है।

इन विरोधाभासी तर्कों और बयानों के बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर 6 अप्रैल को पासपोर्ट कार्यालय ने जो पासपोर्ट इल्तिजा मुफ्ती को जारी किया उसने नया विवाद इसलिए पैदा कर दिया था क्योंकि यह न सिर्फ दो साल की अवधि तक के लिए मान्य है बल्कि सिर्फ उसी देश की यात्रा करने की अनुमति दी गई है जहां वे पढ़ाई के लिए जाना चाहती हैं।

इस पर इल्तिजा मुफ्ती खफा थीं। उनका सवाल था कि क्या वे आतंकी हैं या कोई भगोड़ा हैं जो उनके साथ ऐसा बर्ताव किया गया है। उनका आरोप था कि एक पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी होने के कारण, जो भारत सरकार की गलत नीतिओं की विरोधी हैं, उन्हें यह सजा दी जा रही है जबकि पासपोर्ट पाना और किसी भी देश की यात्रा करना उनका मौलिक अधिकार है।

हालांकि उनका आरोप था कि उनके वकील पर पुलिस ने लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया है। पुलिस प्रवक्ता इससे इनकार करते थे। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी इस मामले में एक बार फिर अपना बचाव करते हुए कहते हैं कि उन्होंने जो पासपोर्ट जारी किया है, वह सिर्फ सीआईडी की रिपोर्ट पर आधारित है। फोटो सौजन्‍य : सोशल मीडिया

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ChatGPT अब कारों में, गाड़ी चलाते समय आपको बोर नहीं होने देगा AI