Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Delhi : धौला कुआं में मस्जिद और कब्रिस्तान मामले में हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

हमें फॉलो करें Delhi High Court

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 14 फ़रवरी 2024 (22:12 IST)
Court issues notice in the case of mosque and cemetery in Dhaula Kuan : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के धौला कुआं स्थित 100 साल से अधिक पुरानी एक शाही मस्जिद, एक कब्रिस्तान और एक विद्यालय के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया गया है।
 
डीडीए ने कहा कि यह क्षेत्र सेंट्रल रिज का हिस्सा है और संरक्षित वन क्षेत्र है, जहां आवासीय और वाणिज्यिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। इसमें यह भी कहा गया कि दिल्ली सरकार की धार्मिक समिति ने वहां अतिक्रमण हटाने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले उच्च न्यायालय ने तोड़फोड़ की आशंका वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों को संबंधित मस्जिद, कब्रिस्तान और स्कूल के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था।
 
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने बाग मोची के पास स्थित शाही मस्जिद और कब्रिस्तान कंगाल शाह की प्रबंध समिति को नोटिस जारी किया तथा डीडीए के आवेदन पर 10 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। समिति इस मामले में याचिकाकर्ता थी।
डीडीए ने दो नवंबर, 2023 को लगाई गई रोक को हटाने के लिए याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान अदालत ने डीडीए के वकील से जानना चाहा कि क्या अतिक्रमण में मस्जिद भी शामिल है और अधिकारी किस आधार पर मस्जिद को हटाने पर विचार कर रहे हैं।
अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 29 फरवरी की तारीख तय की और डीडीए के वकील को उस दिन यह बताने को कहा कि प्राधिकरण किस आधार पर मस्जिद के खिलाफ कार्रवाई करना चाहता है। अदालत ने कहा, मुद्दा यह है कि अगर मस्जिद इतने लंबे समय से अस्तित्व में है तो आप किस कानून के तहत इसे हटाना चाहते हैं।
अतिक्रमण के मुद्दे पर अदालत ने स्पष्ट किया कि रिज की पवित्रता बनाए रखनी होगी और किसी को भी वन क्षेत्र पर अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जिस क्षेत्र में मस्जिद स्थित है, वहां कोई अतिक्रमण नहीं है। अदालत ने यह भी पूछा कि क्या धार्मिक समिति उस ढांचे को हटा सकती है जो पुराना है और पिछले 50-60 वर्षों से अस्तित्व में है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

PM मोदी ने UAE के पहले हिन्दू मंदिर का किया उद्घाटन, बोले- मानवीय इतिहास का नया स्वर्णिम अध्याय