कोरोना ने पूरी दुनिया के नियम बदल दिए हैं ऐसे में सफर करने के तरीके में भी जाहिर है बदलाव आए हैं। अब यात्रा करने के लिए कोविड पासपोर्ट या डिजिटल पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा।
जानना जरूरी है कि आखिर कोविड पासपोर्ट क्या है और कैसे और कहां इस्तेमाल किया जाएगा। कोविड पासपोर्ट को एक तरह से हेल्थ पास कह सकते हैं।
ग्लोबल एयरलाइन लॉबी एक मोबाइल ऐप पर काम कर रही है जो एक डिजिटल पासपोर्ट की तरह काम करेगा।
कोरोना वायरस के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 'कोविड पासपोर्ट' जारी किए जाने की योजना है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो इंटरनेशनल एयरलाइंस ग्रुप (IAG) के साथ मिलकर इस तरह की योजना पर काम कर रहा है।
गौरतलब है कि इस हेल्थ पास का बहुत जल्द ट्रायल शुरू किया जाएगा। इसमें यात्रियों को विदेश से आने या जाने के बाद 14 दिन के लिए क्वारंटीन की शर्तों को भी पूरा करने की जरुरत नहीं होगी। क्वारंटीन के भय के कारण पिछले दिनों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भारी कमी आई है, जिसके कारण देश-विदेश की एयरलाइंस पर आर्थिक रूप से बड़ा असर पड़ा है।
दरअसल, कोविड पासपोर्ट को एक तरह से हेल्थ होगा। जो एक डिजिटल पासपोर्ट की तरह काम करेगा। एप में कोविड-19 का टेस्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन होगा, जिससे यात्रियों को विदेशी यात्रा करने में किसी तरह के प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा इस एप में यात्री के पासपोर्ट की एक इलेक्ट्रॉनिक कॉपी होगी जिससे उनकी असल पहचान की जा सकेगी।
यह एप आईएटीए के टाईमेटिक सिस्टम पर आधारित होगा जो यात्री के डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करने के लिए होता है। इस सिस्टम का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए भी किया जाता है कि यात्री बॉर्डर कंट्रोल रूल्स और रेगुलेशन के अनुरूप हैं। आईएटीए के मुताबिक, यह ऐप ब्लॉक-चेन तकनीकी पर काम करेगा जिसमें यात्रा की जानकारी लंबे से तक स्टोर नहीं रहेगी। आईएटीए का कहना है इस ऐप को पहले एप्पल के स्मार्टफोन के लिए लॉन्च किया जाएगा। यह ऐप साल 2021 की पहली तिमाही तक लॉन्च होगा। वहीं, अप्रैल 2021 तक सभी एंड्रॉयड फोन यूजर्स इस ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे।