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नक्सलरोधी अभियानों में सीआरपीएफ करेगा बदलाव

हमें फॉलो करें नक्सलरोधी अभियानों में सीआरपीएफ करेगा बदलाव
नई दिल्ली , शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017 (08:16 IST)
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में सोमवार को हुए एक बड़े नक्सली हमले के बाद सीआरपीएफ राज्य के दक्षिण बस्तर क्षेत्र में नक्सलरोधी अभियानों में बदलाव करने वाला है और उग्रवादियों के खिलाफ जल्द ही अभियान छेड़े जाने की उम्मीद है।
 
गौरलतलब है कि सुकमा जिले के बुर्कापाल गांव के पास 24 अप्रैल को नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवानों को मौत के घाट उतार डाला था जबकि 11 मार्च को इसी जिले में भेजी गांव के पास एक हमले में अर्द्धसैनिक बल के 12 लोग मारे गए थे।
 
समझा जाता है कि सोमवार के हमले के दो दिनों बाद केंद्र ने सुरक्षा बलों से उग्रवादियों के खिलाफ सफाया अभियान चलाने और अगले कुछ हफ्ते में नतीजे दिखाने को कहा है।
 
सीआरपीएफ के कार्यवाहक महानिदेशक (डीजी) सुदीप लखटकिया ने कहा कि घात लगाकर किए गए ताजा हमले ने इन इलाकों में मानक संचालन कार्यप्रणाली (एसओपी) की समीक्षा की स्वभाविक जरूरत पैदा की है।
 
उन्होंने कहा कि बल ने ये नए उपायों को करने का फैसला किया है, क्योंकि यह सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा करना जारी रखेगा, जो मध्यभारत के इन दूरदराज के इलाकों में विकास करने में मदद करता है।
 
डीजी ने घटनास्थल का दौरा करने के एक दिन बाद कहा कि हमने रणनीति में बदलाव करने का फैसला किया है। हमने कुछ सबक सीखा है। मैं ब्योरा तो नहीं दे सकता लेकिन मैं आपसे कह सकता हूं कि हम अपने बलों को नए सिरे से तैनाती करेंगे और उग्रवादरोधी विशेष अभियानों की संख्या तथा गुणवत्ता बढ़ाएंगे। 
 
उन्होंने कहा कि बल को यह सुनिश्चित करना होगा कि शत्रु इसे किसी तरह से आश्चर्यचकित करने की कोशिश न करें। हम उनका पीछा करेंगे और पहले ही उलझा लेंगे। कार्यवाहक डीजी ने कहा कि इसलिए आधे कर्मी सड़क निर्माण की सुरक्षा और इस तरह के अन्य कार्य करेंगे जबकि अन्य आधे लोग उग्रवादरोधी विशेष अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि बल की नई कार्ययोजना इलाके में प्रभावी होगी।
 
हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों में जिनमें जवानों को लंबे समय तक खुले में रहना होता है और इलाका जोखिमभरा होता है, एसओपी और अन्य रणनीतियों की जरूरत के मुताबिक समीक्षा करनी होगी तथा यही चीज वे कर रहे हैं। (भाषा)


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