Shree Sundarkand

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नोटबंदी : काम के बोझ से बैंक मैनेजर की मौत

Advertiesment
हमें फॉलो करें currency Bain
, गुरुवार, 17 नवंबर 2016 (23:58 IST)
गुड़गांव। देश में नोटबंदी के बाद न सिर्फ जनता बेहाल, परेशान है बल्कि पिछले आठ दिनों से बैंकों में काम करने वाले कर्मचारी भी यह दबाव झेल रहे हैं। नोटबंदी के बाद अपना पैसा निकालने के लिए या फिर 500, 1000 के पुराने नोट बदलवाने के लिए बैंकों की लाइनों में लगे लोग तो जान गंवा ही रहे हैं, एटीएम की लंबी लाइन में लगने वाले भी जान से हाथ धो रहे हैं। अब तक 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को रोहतक की एक को-ऑपरेटिव बैंक मैनेजर की मौत हो गई। काम के चलते मैनेजर तीन दिन से घर नहीं गए थे...
रोहतक की एक को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजर राजेश चन्द्र के साथ घटित हुई। बैंक मैनेजर काम के दवाब की वजह से तीन दिनों से घर तक नहीं गए थे। वे मंगलवार की रात को गुड़गांव (गुरुग्राम) स्थित घर गए और सो गए। बुधवार को जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तब परिजनों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया, लेकिन तब तक दिल का दौरा पड़ने से बैंक मैनेजर की मौत हो गई थी...बैंक मैनेजर राजेश चन्द्र के परिवार  में दो बेटी और एक बेटा है।
  
यह बात सही है कि नोटबंदी के हाहाकार थमने का नाम नहीं ले रहा है और पैसा मिलने की आस में आधी रात से ही लोग बैंकों के बाहर डेरा जमाए रहते हैं। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रात 12 बजे से 500 और 1000 के नोटों पर कानूनी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। 9 और 10 नवंबर  तक एटीएम बंद रहे जबकि 10 नवंबर को बैंक खुल गए थे। तब से आज तक बैंककर्मी भी कई घंटे अतिरिक्त काम कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी सेवा पहुंचा सकें। कई बैंकों में तो नकदी बांट रहे कर्मचारी भोजन और नाश्ता भी अपनी टेबलों पर ही कर रहे हैं।
 
खुद प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी के बाद गोआ में अपनी पहली सभा में बैंककर्मियों का अभिनंदन किया था। मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद जब बैंक खुले तब दो दिनों में बैंककर्मियों ने इतना ज्यादा काम किया, जितना वे सालभर में करते हैं। बैंकों की भी अपनी सीमाएं हैं। विभिन्न राज्यों में अभी भी बैंककर्मी बहुत ज्यादा घंटे काम कर रहे हैं। संभवत: रोहतक के बैंक मैंनेजर जो दिल के मरीज थे, वे भी काम की अधिकता को बर्दाश्त न कर पाए हों और इसी वजह से वे मौत के मुंह में चले गए... 

बैंक की कतार में खड़े सेवानिवृत्त फौजी की मौत : भिंड (मध्यप्रदेश) में जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्थित बैंक में अमान्य नोटों को जमा कराने के लिये लम्बी कतार में खड़े 70 वर्षीय एक सेवानिवृत्त फौजी की आज कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ केके दीक्षित ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर ऐसा लगता है कि सेवानिवृत्त फौजी बाबूलाल की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। अस्पताल लाने पर उन्हें मृत लाया गया घोषित किया गया।
 
जिला कलेक्टर इलैया राजा ने बताया कि भिंड से 25 किलोमीटर दूर गढ़ा गांव के निवासी एवं सेना का सेवानिवृत्त फौजी बाबूलाल कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के बाहर कतार में खड़े रहने के दौरान चक्कर खाकर गिर पड़े और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि बाबूलाल पिछले दो-तीन दिन से रुपए जमा कराने के लिये बैंक की शाखा में आ रहे थे लेकिन उनका नंबर नहीं आ पा रहा था इसलिए वह आज फिर बैंक में रुपए जमा कराने आए थे।
 
इसी बीच, सर सयाजीराव जनरल (एसएसजी) अस्पताल में भर्ती घायल रमीला ने आज बताया, ‘मैं लाइन में खड़ी थी, जबकि मेरी सहेली सुनीता सोलंकी अमान्य किए गए 500 रुपए के नोटों को बदलवाने के लिए बैंक के अंदर गई हुई थीं।’ रमीला ने कहा, ‘अचानक बंदूक से गोली चली और मेरे पैर पर लगी। मेरे पैर से खून बहने लगा और मैं बैंक के प्रवेश द्वारा पर अचेत होकर गिर गई।’ एसएसजी अस्पताल के हड्डी विभाग के प्रमुख डॉक्टर हेमंत माथुर ने बताया कि रमीला की स्थिति अब बेहतर है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नोटबंदी पर मोदी का 'टेस्ट', 22 नवम्बर को आएगा नतीजा