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नोटबंदी : आतंकवाद-नक्सलवाद की कमर टूटी

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 18 नवंबर 2016 (15:59 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले से देश में आंतक फैलाने के काम में लगे आतंकवादियों और नक्सलवादियों की कमर टूट गई है। 
 
नोटबंदी का फैसला लागू होने के बाद से देश में कहीं से भी किसी बड़ी आतंकी या नक्सली घटना नहीं हुई है। कश्मीर में हिंसा पर पूरी तरह लगाम कसी जा चुकी है। यहां अब स्थिति सामान्य होती नजर आ रही है। 
 
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बचेली की एक बैंक में जन-धन खाते में रुपया जमा कराने वाले दुगेली के तीन ग्रामीणों से पुलिस ने थाने में घंटों पूछताछ की।
 
इसके बाद सरपंच व कुछ अन्य ग्रामीणों की गारंटी पर उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया। चर्चा है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों को ये पैसे दिए हैं ताकि उनके हजार-पांच सौ के पुराने नोट बदल सकें।
 
जांच से बचने के लिए झारखंड में नक्सली जबर्दस्ती बुजुर्गों से 1,000 और 500 के बड़े नोट पर बदलवा रहे हैं। झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक लातेहर जिला, जहां नक्सलियों ने टैक्स और फिरौती के रूप में करोड़ों रुपए वसूले हैं। वो बुजुर्गों को अपने अकाउंट में 2.5 लाख रुपए जबर्दस्ती जमा करने को कह रहे हैं।
   
आतंकवादियों और नक्सलियों के खिलाफ सरकार ने समय समय पर कई बड़े ऑपरेशन चलाए है पर समय के साथ-साथ यह समय विकराल होती चल गई। अगर सरकार की इस नीति से कालेधन के साथ ही आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी समस्या पर लगाम कसी जा सकी तो इस मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धी माना जाएगा। 
 
उल्लेखनीय है कि सरकार के पास पहले से ही इस तरह की खबरें मिल रही थी कि कालेधन का इस्तेमाल आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है। 

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