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'नोट महोत्सव' मना रहा है भारत

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नई दिल्ली , रविवार, 20 नवंबर 2016 (13:39 IST)
नई दिल्ली। दुनिया में अपनी बहुरंगी संस्कृति के लिए विख्यात भारत आजकल 'नोट महोत्सव' मना रहा है। इसे 'नोट फेस्टिवल ऑफ इंडिया' भी कह सकते हैं।
 
सांस्कृतिक विविधता के कारण देश में आए दिन कोई न कोई धार्मिक उत्सव या जलसे होते रहते हैं लेकिन इस बार नोटबंदी के रूप में कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खुली जंग ने पूरे देश को एक नए ही रंग में रंग डाला है।
 
500 और 1,000 हजार के पुराने नोट 8 नवंबर से बंद हो जाने के बाद नए नोटों के लिए लोगों में आपाधापी जरूर है, परेशानी भी कम नहीं है लेकिन इन सबके बीच कहीं न कहीं सरकार के इस अभियान के प्रति उत्साह और उमंग भी झलक रही है। कालेधन और नोटबंदी को लेकर एक से एक हास्य और व्यंग्य किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर चुटकुलों की बाढ़-सी आ गई है।
 
सुबह होते ही बैंकों और एटीएम केंद्रों के सामने लंबी कतारों में खड़े लोगों में नोटबंदी को लागू करने के तरीकों को लेकर चाहे जितनी शिकायत हो, पर इससे इंकार भी नहीं है कि यह कदम कहीं न कहीं देश में भ्रष्टाचार की नकेल जरूर कसेगा जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
 
लोगों में अचानक सामुदायिक भावना दिखाई देने लगी है। वे धक्का-मुक्की कर रहे हैं, पर एक दूसरे का फॉर्म भी भर रहे हैं। जिन्हें नियमों की जानकारी नहीं, उन्हें सारी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। क्या करना है, क्या नहीं? इसकी सलाह भी कतार में खड़े खड़े ही मिल रही है। देश की हर समस्या पर चर्चा हो रही है। कालाधन कहां कितना निकला, कहा कितने नकली नोट पकड़े गए, किसने किस तरकीब से कालाधन छुपाया? इन सब पर टीका-टिप्पणी हो रही है। कई जगह कतारों में घंटों से खड़े लोगों को पानी पिलाया जा रहा है। बिस्किट के पैकेट बांटे जा रहे हैं। कहीं मूंगफली खिलाई जा रही है। 
 
2,000 रुपए के नए नोट को लेकर भी सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं। कोई इसकी तुलना चूरण के साथ मिलने वाली नोटों से कर रहा है तो कोई इसमें चिप लगी होने की बात कर रहा है। नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर भी खूब सुर्खियां बटोर रही है, हालांकि गुलाबी रंग के इस नोट के रंग छोड़ने की खबरों से लोग चिंतित भी हैं। 
 
शायद ही कोई ऐसा मुल्क होगा दुनिया में, जहां नोटबंदी जैसी भारी समस्या सिर पर गिरने के बावजूद लोगों में इतनी जीवंतता दिखे। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसके कायल हो गए हैं और उन्होंने देशवासियों को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वे देश की जनता के प्रति इस बात के लिए दिल से आभारी हैं कि तमाम तकलीफों को झेलते हुए भी कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई उनकी इस जंग में एक वीर सिपाही की तरह वे उनका साथ दे रहे हैं। (वार्ता)
 

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