Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नर्मदा जल से बनता है 500 के नोट का कागज

Advertiesment
हमें फॉलो करें currency

जीतेन्द्र वर्मा

होशंगाबाद , रविवार, 25 दिसंबर 2016 (14:19 IST)
नोटबंदी के इस दौर में लोगों को जो पांच सौ का नया नोट मिल रहा है वो पवित्र नर्मदा के जल से तैयार किया गया है। दुनिया में सिर्फ भारत ही इकलौता देश है जिसकी करंसी पवित्र नर्मदा जल से तैयार की जाती है।
 
होशंगाबाद के प्रतिभूति कागज कारखाने में रोजाना सात एमएलडी नर्मदा जल से करंसी पेपर तैयार किया जा रहा है। नए नोटों की आपूर्ति करने के रोजाना लगभग 50 टन कागज तैयार होता है। नर्मदा नदी से करंसी कारखाने तक पानी ले जाने के लिए करंसी कारखाने ने परमहंस घाट पर अपना इंटकवेल लगाया है।
 
होशंगाबाद का प्रतिभूति कागज कारखाने में आठों दिन 100 और 500 सौ रुपए के नोटों का कागज बनाया जा रहा है। नोटों के कागज को बनने के लिए नर्मदा जल का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए भारतीय मुद्रा पवित्र और शुद्ध मानी जाती है। 
 
क्या कहते हैं कर्मचारी : एसपीएम कर्मकार यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि दुनिया में सिर्फ भारतीय मुद्रा ही पवित्र जल से तैयार होती है। यह पुरे देश के लिए गौरव की बात है की जिस मां नर्मदा के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता है उस नदी अमृत रूपी जल से तैयार नोटों को देश के हर कोने में लोग स्पर्श करते हैं जिससे अर्थ व्यवस्था तो चलती है साथ ही मां नर्मदा का चरण स्पर्श भी हो जाता है। 
 
नर्मदा नदी की महत्व : दुनिया में सिर्फ नर्मदा नदी ही उल्टी दिशा में बहती है। मां नर्मदा का उद्दगम स्थल अमरकंटक से पश्चिम में खम्बाद की खाड़ी की तरफ बहती हैं। मां नर्मदा का शिव पुत्री भी कहा गया है। इसलिए नर्मदा के हर कंकर को शंकर के रूप में पूजा जाता है। 
 
गंगा में स्नान और नर्मदा के मात्र दर्शन से पापों का नाश : मां नर्मदा को नदियोंं में श्रेष्ठ मना गया है। गंगा, यमुना, कावेरी नदियोंं में स्नान करने से पुण्य लाभ मिलता है लेकिन मां नर्मदा एकमात्र ऐसी नदी है जिसके दर्शन मात्र से पापों का नाश हो जाता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मन की बात में दिव्यांगों पर क्या बोले मोदी...