मुंबई। देश का चालू खाते का घाटा (कैड) सितंबर, 2022 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.4 प्रतिशत हो गया। यह आंकड़ा इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में 2.2 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
आंकड़ों के मुताबिक उच्च व्यापार घाटे के चलते कैड बढ़ा है। आरबीआई ने कहा, भारत का चालू खाता संतुलन 2022-23 की दूसरी तिमाही में 36.4 अरब डॉलर (जीडीपी का 4.4 प्रतिशत) के घाटे में रहा। यह 2022-23 की पहली तिमाही में 18.2 अरब डॉलर (जीडीपी का 2.2 प्रतिशत) से अधिक है।
एक साल पहले 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह 9.7 अरब डॉलर (जडीपी का 1.3 प्रतिशत) था। जुलाई-सितंबर 2022-23 में कैड बढ़ने की प्रमुख वजह उच्च व्यापार घाटा था। वस्तुओं का व्यापार घाटा 2022-23 की पहली तिमाही में 63 अरब डॉलर से बढ़कर दूसरी तिमाही में 83.5 अरब डॉलर हो गया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)