उत्तराखंड एसटीएफ ने 250 करोड़ रुपए की ठगी का एक बड़ा खुलासा किया है। यही नहीं ठगी सिर्फ चार महीनों में की गई और इसमें विदेशी कनेक्शन भी सामने आ रहा है। इसी कारण इसकी जानकारी आईबी और रॉ तक पहुंच गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि, पावर बैंक नामक एप के माध्यम से ये साइबर ठग 15 दिन में पैसे डबल करने का लालच दिया करते थे। एडीजी अभिनव कुमार ने इसका खुलासा किया।
चीन की स्टार्टअप योजना के तहत बने 'पावर बैंक एप' को अब तक भारत में करीब 50 लाख लोग इंस्टाल कर चुके हैं, जबकि इस एप के जरिए लोगों को 15 दिन में पैसे डबल होने का लालच दिया जाता था। इसी कारण केवल चार महीनों में ठगों ने 250 करोड़ का बड़ा चूना लगाया।
ऐसे लगाया जाता था चूना : ठगी करने वालों द्वारा लोगों ने पावर बैंक एप को डाउनलोड करने के लिए कहा जाता था। जब लोग इस एप को डाउनलोड कर लेते थे, तब उन्हें 15 दिन में पैसे डबल होने का लालच दिया जाता था। इस मामले में एसटीएफ ने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय को उत्तर प्रदेश के नोएडा से गिरफ्तार किया है।
देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी : बताया जा रहा है कि यह धोखाधड़ी देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी है। पावर बैंक एप फरवरी 2021 से मई 2021 तक संचालन में रही, जिसमें साइबर थाने द्वारा वितीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातों में करीब 250 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई।
हरिद्वार से दर्ज हुई शिकायत
इस पूरे मामले का खुलासा हरिद्वार के रहने वाले एक व्यक्ति की शिकायत के बाड़ा हुआ। शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचना दी कि एक 'पावर बैंक एप' में 15 दिन में पैसे डबल करने के लिए उसने दो बार 93 हजार और 72 हजार रूपये जमा किये थे। लेकिन पैसे डबल जैसा कुछ नहीं हुआ।
शिकायत दर्ज किये जाने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किये गये और जब वितीय लेनदेन में 250 करोड़ रुपए का घोटाला सामना आया तो सभी के होश उड़ गये।
एसटीएफ के एसएसपी ने जारी किया बयान : उत्तराखंड के एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि पुलिस की जांच में ठगी करने वाले विदेशी निवेशकों द्वारा भारत के कारोबारियों को कमीशन का लालच देकर ऐप के जरिए लोगों को लोन देने की बात करते थे। इसके बाद इसमें बदलाव कर लोगों को 15 दिन में पैसे डबल करने का लालच देकर पैसे निवेश किए जाने लगे। जबकि भरोसा कायम करने के लिए पैसा एक ही खाते डलवाकर भारत के कुछ लोगों वापस भी किया गया।
592 सिम कार्ड और 19 लैपटॉप बरामद : एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, छानबीन में नोएडा से आरोपी पवन कुमार पांडेय को हिरासत में लिया गया है और उसके पास 592 सिम कार्ड, 19 लैपटॉप, 5 मोबाइल, 4 एटीएम कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है। एसटीएफ की जांच में पता चला कि ये रकम क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजी जा रही है। वहीं इस मामले में देहरादून के एडीजी अभिनव कुमार ने कहा कि 250 करोड़ के ठगी के मामले की जानकारी अन्य जांच एजेंसियों आईबी और रॉ को दी गई है।