कोलकाता। चक्रवात ‘अम्फान’ ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित राज्य के आधा दर्जन जिलों में तबाही के दृश्य छोड़े हैं, जहां कई बसें और टैक्सी आपस में टकरा गईं, मछली पकड़ने की छोटी नौकाएं उलट गईं और शहर के जलमग्न हो चुके हवाई अड्डे पर विमान हिलते-डुलते दिखे।
देश के अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल भी कोरोना वायरस महामारी से निपटने की जद्दोजहद में जुटा हुआ था, लेकिन 190 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आए चक्रवाती तूफान ने न सिर्फ राजधानी कोलकाता को बल्कि करीब दर्जनभर जिलों को भी झकझोर कर रख दिया।
सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक एवं 95 वर्षीय अशोक राय ने कहा कि मैंने अपने जीवन में बंगाल में ऐसा चक्रवात कभी नहीं देखा था।
गुरुवार को सुबह 45 वर्षीय जमाल मंडल दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा में एक चक्रवात राहत शिविर के बाहर अपनी पत्नी और चार बेटियों के साथ वहां मौजूद भीड़ के बीच भोजन के लिए जद्दोजहद कर रहे थे।
प्रवासी श्रमिक मंडल सोमवार को ही बेंगलुरु से लौटे थे, लेकिन उन्हें घर वापसी पर थोड़ी-सी भी राहत नहीं मिल सकी। बुधवार रात उनका कच्चा मकान बह गया।
मंडल ने एक टीवी न्यूज चैनल से कहा कि सोमवार को मैं घर पहुंचा, मुझे लगा कि मेरे बुरे दिन गुजर गए। लेकिन मैं गलत था। लॉकडाउन ने मेरी नौकरी छीन ली और मेरे पास जो बचा था वह सब कुछ चक्रवात ने छीन लिया। मैं नहीं जानता कि मैं अब क्या करूं, मैं कहां रहूंगा और किस तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करूंगा।
बुधवार की दोपहर चक्रवाती तूफान के दौरान भारी बारिश होने से कोलकाता के एक बड़े हिस्से सहित आधा दर्जन जिलों में काफी संख्या में लोग बेघर हो गए और निचले इलाके जलमग्न हो गए। पिछले 100 साल में बंगाल में आना वाला यह सबसे प्रचंड तूफान है।
राज्य के एक बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई क्योंकि तूफान में बिजली के खंभे उखड़ गए। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं क्योंकि चक्रवात से सैकड़ों मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों के मुताबिक राज्य में 1,500 मोबाइल टावर को नुकसान पहुंचा है।
कोलकाता में हजारों पेड़ उखड़ गए और खिड़कियों के कांच सड़कों पर बिखर गए। निचले इलाकों में सड़कों और मकानों में भारी बारिश से पानी भर गया।
दक्षिण कोलकाता के रासबिहारी इलाके के निवासी सुधीर चक्रवर्ती ने कहा कि यह वो शहर नहीं है जहां मैं पला-बढ़ा। ऐसा लगता है कि यहां कल युद्ध हुआ था...मुझे यकीन नहीं हो रहा कि यह मेरा कोलकाता है।
इस बीच, आज सुबह से कोलकाता हवाई अड्डे पर मालवाहक एवं राहत सेवा में जुटी उड़ानें बहाल हो गई, जबकि हवाई अड्डे का एक हिस्सा अब भी जलमग्न है। अधिकारी पानी निकालने में जुटे हुए हैं।
कोलकाता नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात में शहर में 4,000 से अधिक पेड़, सैकड़ों बिजली के खंभे, ट्रैफिक सिग्नल और पुलिस कियोस्क उखड़ गए।
कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम ने कहा कि पूरा शहर तबाह हो गया। लॉकडाउन के चलते हमारे पास वैसे भी कर्मचारियों की कमी है। शहर में बुधवार रात से 14 लाख लोग बगैर बिजली के रह रहे हैं। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, सुंदरवन डेल्टा में तटबंध को नुकसान पहुंचा है।
कृषि विभाग के मुताबिक वर्द्धमान, पश्चिमी मिदनापुर और हुगली में धान की फसल बर्बाद हो गई। वरिष्ठ अधिकारियां ने कहा कि चक्रवात से जानमाल को हुए नुकसान का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अम्फान का प्रभाव 'कोरोना वायरस से भी अधिक है। (भाषा)