भुवनेश्वर/कोलकाता। मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि भीषण चक्रवात असानी बुधवार को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हुए उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ गया और इस दौरान क्षेत्र में 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। चक्रवात के गुरुवार तक और कमजोर पड़ने और एक निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने राष्ट्रीय बुलेटिन में बताया कि इसके अगले कुछ घंटों में उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। बुधवार को दोपहर से शाम के बीच इसके एक बार फिर जोर पकड़ने और नरसापुर, यानम, काकीनाड़ा, तुनी तथा विशाखापत्तनम तटों के साथ उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ने और रात में उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में समा जाने की संभावना है।
ओडिशा सरकार ने 5 दक्षिणी जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गंजाम और गजपति में हाई अलर्ट की घोषणा की है। इन इलाकों में चक्रवात का असर दिखने की आशंका है, जो ओडिशा से लगभग 200 किलोमीटर दूर काकीनाडा और विशाखापत्तनम के बीच पहुंच सकता है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, कालाहांडी, गंजाम, गजपति, कंधमाल, नयागढ़, खुर्दा, पुरी, कटक और भुवनेश्वर में हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने का पूर्वानुमान है।
विशेष राहत आयुक्त पी. के. जेना ने बताया कि राज्य में उत्पन्न होती स्थिति के मद्देनजर ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल (ODRAF) की 60 इकाइयों और दमकल कर्मियों के 132 दलों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए कुल 50 दलों का गठन किया है।
एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि 50 में से 22 दलों को पश्विम बंगाल, ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश में जमीनी स्तर पर तैनात किया गया है, जबकि अन्य 28 दलों को इन्हीं राज्यों में तैयार रहने को कहा गया है।
इस बीच, कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवात से पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।