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Cyclone Mokha : बांग्लादेश और म्यांमार के तटों से टकराया चक्रवात 'मोखा'

हमें फॉलो करें Cyclone Mokha : बांग्लादेश और म्यांमार के तटों से टकराया चक्रवात 'मोखा'
, रविवार, 14 मई 2023 (17:59 IST)
Cyclone Mokha Alert : चक्रवात 'मोखा' ने बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों से रविवार को टकराना शुरू कर दिया। इससे पहले यह तीव्र होकर श्रेणी 5 के तूफान के जैसा हो गया था। चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है और 195 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इससे बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ आ सकती है।

इस तरह की आशंकाएं हैं कि तूफान बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले को प्रभावित कर सकता है जहां दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी ताज़ा बुलेटिन के मुताबिक, चक्रवात कॉक्स बाजार से 250 किलोमीटर दूर है और अब तट को पार कर रहा है।

बुलेटिन के अनुसार पूर्वानुमान था कि यह रविवार दोपहर को भारी बारिश और हवाओं के साथ दस्तक देगा। हवा के कारण सामान्य से आठ से 12 फुट ऊपर की लहरें उठने से कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है।

‘बीडीन्यूज़24.कॉम’ की खबर के मुताबिक सामान्य से पांच से सात फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी, नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोखा’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आए सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है।

श्रेणी चार का चक्रवात श्रेणी-पांच तूफान के बराबर तीव्र हो गया है। लगभग 500,000 लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है।

अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है।

लोगों और अधिकारियों को आशंका है कि ‘मोखा’ की वजह से ऊंची लहरें उठ सकती हैं जिससे बाढ़ आ सकती है और भूस्खलन हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात बांग्लादेश और म्यांमार के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा।

हालांकि बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अज़ीज-उर-रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है। उन्होंने कहा कि म्यांमर और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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