मुंबई। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चक्रवात ‘वायु’ के रास्ता बदल लेने और इसके गुजरात तट से टकराने की संभावना नहीं होने के बावजूद इस राज्य के तटीय क्षेत्रों के लिए तूफान की गंभीरता एक खतरा बनी हुई है। अधिकारी ने कहा, 'तेज हवाओं, धूल भरी आंधी और बारिश का खतरा जस का तस बना हुआ है। चक्रवात की ‘आंख’ के रूप में जाना जाने वाला तूफान का मध्य भाग गुजरात तट से थोड़ा दूर हो गया है, लेकिन इसका व्यास 900 किलोमीटर से अधिक का है।' चक्रवाती तूफान वायु से जुड़ी हर जानकारी...
- गुजरात के निकट से गुजर रहे चक्रवाती तूफान वायु के असर के कारण प्राचीन और विश्वविख्यात द्वारका के जगत अथवा द्वारकाधीश मंदिर के ऊपर इसके इतिहास में संभवत: पहली बार दो ध्वज लगाए गए हैं।
- हिंद महासागर के तट पर स्थित मंदिर के शिखर पर इसके प्रशासन और प्रबंधन के निर्देश पर दो ध्वज लगाए गए हैं ताकि वायु तूफान के असर से बह रही बेहद तेज हवा के चलते अगर एक ध्वज को नुकसान भी पहुंचे तो दूसरा लहराता रहे।
- मंदिर के एक पुजारी ने बताया कि उसने अपने जीवन में पहली बार ऐसा दृश्य देखा है जब शिखर पर दो ध्वज लहरा रहे हों।
- तूफान वायु के असर से प्रभावित कुल 2251 गांवों में से 1924 में बिजली आपूर्ति बहाल
- उल्लेखनीय है कि छोटा उदेपुर जिले के 258, देवभूमि द्वारका के 129, गिर सोमनाथ के 189, जामनगर के 105, जूनागढ़ के 118, महेसाणा के 240, पाटण के 317, साबरकांठा के 135 और सूरत के 263 गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी।
- दिशा बदलने के कारण अब गुजरात तट के निकट से ओमान की ओर बढ़ रहे तूफान वायु के असर से तेज हवाएं चल रही हैं और इसके चलते कई स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा भी हुई है।
- मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि पूर्व में चक्रवात गुजरात तट की तरफ सीधा बढ़ रहा था, लेकिन अब यह गुजरात तट से थोड़ा दूर हो गया है।
- उन्होंने कहा कि लेकिन गुजरात तट के लिए जारी हाई अलर्ट की स्थिति से इसके (चक्रवात) फैलाव के चलते कोई राहत नहीं है। चक्रवाती तूफान गुजरात के पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र तक अन्य हिस्सों से टकराने जा रहा है।
- पूर्व में गुजरात की तरफ बढ़ता हुआ चक्रवात महाराष्ट्र के मुंबई, रायगढ़, ठाणे और पालघर जिलों के लिए कुछ राहत की बारिश लेकर आया।
- मौसम विभाग की वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती ने गुरुवार सुबह बताया कि पिछले 6 घंटों में तूफान की दिशा बदली है। फिलहाल, यह वेरावल से 130 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 180 किमी दक्षिण में है। चक्रवात वेरावल, पोरबंदर, द्वारका और सौराष्ट्र तट के पास से गुजरेगा। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 145 किमी तक हो सकती है।
- तेज हवाओं की वजह से सोमनाथ मंदिर के गेट पर लगा शेड उड़ गया।
- राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 52 टीमों को तैनात कर दिया गया है।
- तटरक्षक बल, नौसेना, सेना और वायु सेना की इकाइयों को तैयार रखा गया है और विमानों एवं हेलीकॉप्टरों की मदद से हवाई निगरानी की जा रही है।
- मौसम विभाग के अनुसार, अमरेली, गिर सोमनाथ, जुनागढ़, पोरबंदर, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका और कच्छ जिले में वायु चक्रवात का असर देखने को मिल सकता है। जहां 155-165 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है।
- चक्रवात वायु के चलते आने वाली संभावित आपदा को देखते हुए रेलवे ने 70 ट्रेनों को रद्द कर दिया और 28 ट्रेनों को गंतव्य से पहले ही रोकने का फैसला किया है।
- तटरक्षक दल के कमांडर नवतेजसिंह ने बताया कि अगले 50 से 60 घंटे गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान सबको सतर्क रहने की जरूरत है। यह तूफान गुरुवार को वेरावल तट से होकर शुक्रवार को द्वारका पहुंचेगा और फिर राज्य से दूर निकल जाएगा।
- 13 जून तक महाराष्ट्र तट और पूर्वी अरब सागर के उत्तरी भागों में समुद्र काफी उग्र हो सकता है।
- वेरावल क्षेत्र में तेज हवाएं चलना शुरू हो गई हैं, जहां पर समुद्र ने उग्र रूप धारण कर लिया है।
- चक्रवात वायु की वजह से महाराष्ट्र में भी हाई अलर्ट जारी किए गए हैं। अरब सागर में 12-13 जून से ही हाई टाइड्स देखने को मिल रही हैं। ऐसे में कोंकण इलाके के सभी बीच आम जनता के लिए बंद कर दिए गए हैं।
- तटवर्ती क्षेत्रों की सभी बस, रेल और विमान सेवाएं भी रद्द कर दी गई हैं। लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।