नई दिल्ली। स्वयंभू बाबा दाती महाराज के खिलाफ बलात्कार के आरोप की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग करते हुए सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई।
एक एनजीओ ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस की जांच पक्षपातपूर्ण है, क्योंकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे गवाह प्रभावित हो सकते हैं एवं सबूत नष्ट हो सकते हैं। इस याचिका पर 4 जुलाई को सुनवाई हो सकती है। देलही सिटीजन फोरम फॉर सिविल राइट्स ने अपनी याचिका में दावा किया है कि आरोपी के देश छोड़कर भाग जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दाती मदनलाल उर्फ दाती महाराज के खिलाफ 7 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी और 11 जून को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने दिल्ली और राजस्थान में अपने आश्रमों में अपनी शिष्या से बलात्कार करने के आरोपों से घिरे दाती महाराज से 22 जून को पूछताछ की थी।
दाती महाराज ने दावा किया है कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। महिला ने दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी थाने में दाती महाराज, उनके 3 भाइयों और 1 महिला के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में यह मामला अपराध शाखा को सौंप दिया गया था।
एनजीओ ने दावा किया है कि अलग-अलग तारीखों पर आरोपी और उनके साथियों से अपराध शाखा ने पूछताछ की लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। आरोपी के विरुद्ध बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध, छेड़खानी जैसे जघन्य अपराधों को लेकर प्राथमिकी दर्ज है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि (केंद्र और राज्य) सरकार के कई नेता और अधिकारी नई दिल्ली के फतेहपुर बेरी में शनिधाम के नियमित आगंतुक रहे हैं, ऐसे में अपराध शाखा से निष्पक्ष जांच को लेकर आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता है। उसने यह भी कहा कि आरोपी को गिरफ्तार करने में हो रही देरी इस मामले में सबूतों एवं गवाहों को प्रभावित करने जैसा है। (भाषा)