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दाऊद ने संजय दत्त के कारण कर दी थी भाई की पिटाई

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हमें फॉलो करें Dawood Ibrahim
, मंगलवार, 17 नवंबर 2015 (16:16 IST)
दिल्‍ली पुलिस के पूर्व कमिश्‍नर नीरज कुमार की किताब- ‘डायल डी फॉर डॉन' (Dial D for Don) में दावा किया गया है कि अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जब पता चला कि उसके भाई अनीस ने बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को हथियार दिए हैं तो वह आगबबूला हो गया था। इस हरकत पर उसे इतना गुस्‍सा आया था कि उसने अपने छोटे भाई की पिटाई तक कर डाली थी। एक अंग्रेजी अखबार ने किताब के अंश प्रकाशित किए हैं, जिनमें कई और खुलासे किए गए हैं। 
 
किताब में नीरज कुमार ने यह भी लिखा है कि एक सीनियर अफसर ने उन्‍हें दाऊद इब्राहिम के साथ बात करने से मना किया था। उन्‍होंने 2013 में हुए आईपीएल स्‍पॉट फिक्सिंग स्‍कैंडल के दौरान हुई दाऊद से बातचीत का भी किताब में जिक्र किया है। 
 
नीरज कुमार के मुताबिक, ‘जून 2013 में एक दिन अचानक मेरे पर्सनल मोबाइल पर एक अनजान नंबर से एक फोन आया। दूसरी ओर से जो आवाज आई वह दाऊद इब्राहिम की थी। उसने कहा, ‘क्या साहेब, आप रिटायर होने जा रहे हैं? अब तो पीछा छोड़ दो।’ ‘Dial D for Don’ में नीरज कुमार ने दावा किया है कि दाऊद इब्राहिम से उनकी चार बार फोन पर बात हुई। 
 
इस दौरान उन्‍होंने डॉन से मुंबई बम ब्‍लास्‍ट के बारे में भी पूछा था। दाऊद ने नीरज कुमार को यह भी बताया था कि मुंबई धमाकों के बाद उसने तत्‍कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर को सफाई देने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उसे बुरी तरह डांट दिया था। 
 
मुंबई धमाकों में भूमिका से बार-बार इनकार कर रहे दाऊद से जब नीरज कुमार ने यह पूछा कि क्‍या तुमने संजय दत्‍त को हथियार देने पर अपने भाई की पिटाई की थी? तो इस बात को उसने स्‍वीकार कर लिया। किताब के अंश हैं- ‘क्या तुम इस बात से भी इनकार करते हो कि तुम्हारे छोटे भाई अनीस इब्राहिम ने बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को हथियार भेजे थे?’ इस पर दाऊद ने कहा- हां। 
 
गौरतलब है कि संजय दत्‍त इसी मामले में दोषी पाए गए हैं और यरवडा जेल में सजा काट रहे हैं। किताब के मुताबिक, एक बार दाऊद ने नीरज कुमार से कहा था, ‘साहेब, इसके पहले कि मैं कुछ बताऊं, पहले आप बताएं कि आपको क्या लगता है कि मैंने मुंबई में ब्लास्ट कराए हैं?’ इस पर नीरज कुमार ने दाऊद से कहा, ‘तुम मेरे सवाल का जवाब एक और सवाल से क्यों दे रहे हो? मैं क्या सोचता हूं, इसका तुमसे कोई मतलब नहीं है। अगर तुम्हें कुछ और कहना है तो कहो।’ 
 
नीरज ने किताब में लिखा, ‘दाऊद ने बिल्कुल मुंबईया लहजे में मेरे साथ बात की। उसकी बातों से ऐसा नहीं लगता था कि उसे किसी बात का डर है। न ही उसने मुझे खुश करने की कोशिश की।’ 

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