चाइनीज मांझे ने इंदौर में काट दिया 22 साल के युवा का गला, मौत पर पुलिस की लीपापोती, मां-बाप नहीं ले रहे शव
कल ही वेबदुनिया ने की थी इंदौर में चाइनीज मांझे की बिक्री की पड़ताल
आखिर इंदौर में चायनीज मांझे की डोर ने एक 22 साल के नौजवान की जान ले ली। 22 साल का हिमांशु सोलंकी अपने रिश्तेदार भाई विनोद के साथ एलपीजी सिलेंडर लेने जा रहा था। एक पतंग डोर उसकी गर्दन उलझी और कट गई। हादसे के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान हिमांशु की मौत हो गई।
हादसा मंगलवार शाम करीब 5 बजे चंदन नगर में फूटी कोठी ब्रिज पर हुआ। उसके साथी विनोद को भी आंख के पास चोट आई है। अब पुलिस इस मामले में लीपा पोती कर रही है, पुलिस उस डोर को सामान्य पतंग की डोर बता रही है। जबकि हिमांशु के रिश्तेदारों ने पुलिस को सबूत के तौर पर चाइनीज मांझे की डोर के फोटो और वीडियो पुलिस को दिए थे।
कल ही वेबदुनिया ने की थी पड़ताल : बता दें कि 14 जनवरी को ही मकर सक्रांति के मौके पर इंदौर में वेबदुनिया ने चाइनीज मांझा की बिक्री की पड़ताल की थी। सामने आया था कि शहर के कई इलाकों में बेखौफ चाइनीज मांझा बिक रहा है। 400 रुपए से लेकर 600 और 800 रुपए तक में चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। वेबदुनिया प्रतिनिधि खुद कुछ दुकानदारों से चाइनीज मांझा की कीमत और उनकी तस्वीरें लेकर आया। सवाल यह है कि इसके बाद भी पतंग की डोर से एक नौजवान की मौत हो जाती है।
पुलिस बोली चाइनीज डोर नहीं थी : हादसे के बाद हिमांशु और विनोद को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां से उन्हें एमवाय अस्पताल भेजा गया था। द्वारकापुरी टीआई आशीष सप्रे के मुताबिक जिस डोर से हिमांशु की मौत हुई है, वह चायना नहीं बल्कि सामान्य पतंग की डोर है। उन्होंने बताया कि परिवार के सामने भी डोर चेक कराई गई है।
मां-बाप नहीं लेंगे बेटे का शव : बता दें कि हिमांशु के परिवार वालों ने उसका शव लेने से मना कर दिया है। उन्होंने का आरोप है कि जिस डोर से हिमांशु का गला कटा, वह चायनीज डोर थी। इसकी लंबाई 500 मीटर थी। उनका आरोप है कि डोर के फोटो और वीडियो बनाकर टीआई और एसीपी को दिए थे, लेकिन पुलिस ने वो फोटो वीडियो डिलीट करा दिए। पुलिस ने पहले बताया था कि शिकायत मे चाइनीज डोर ही लिखेंगे, लेकिन बाद में पुलिस ने इसे सादी डोर बताकर पल्ला झाड लिया।
कौन था हिंमाशु : हिमांशु महू के भेरूलाल पाटीदार कॉलेज में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था। वह पिछले एक साल से सुदामा नगर के अन्नपूर्णा क्षेत्र में किराए पर रह रहा था। हिमांशु के पिता संजय मनावर में बैंककर्मी हैं। मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं। छोटा भाई मनावर में ही 11वीं क्लास में पढ़ता है।
इन इलाकों में बिक रहा चाइनीज मांझा : शहर के पाटनीपुर से लेकर आजाद नगर, मालवा मिल, राजवाडा के आसपास का इलाका, स्कीम नंबर 78, तीन पुलिया, परदेशीपुरा, नंदानगर और शहर के कई इलाकों में चाइनीज मांझा बेखौफ बेचा जा रहा है। हैरान करने वाली बात तो यह है चाइनीज मांझा खुलेआम ठेलों तक पर बिक रहा है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि खुले में ठेलों पर भी चाइनीज मांझा बिक रहा है। लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। यह तो वो इलाके हैं जहां चाइनीज मांझा बिकने की सूचनाएं हमारे पास है, इसके अलावा और भी कई इलाकों में चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार इसे लेकर पूरी तरह से सुस्त हैं।
जितने चाहिए मिल जाएंगे : वेबदुनिया ने पाटनीपुरा पर एक ठेला संचालक से पूछा तो उसने पहले प्रतिनिधि को ध्यान से देखा और फिर तुरंत बताया कि हां उसके पास चाइनीज मांझा है। उसने सवाल किया कि कितने चाहिए, जितने चाहिए उतने मिल जाएंगे। एक चाइनीज मांझा मांगने पर पैक्ड चाइनीज मांझा निकाला और 600 रुपए कीमत बताई। ज्यादा कीमत का बहाना कर के जब हमने खरीदने से मना किया तो दुकानदार ने कीमत कम करने की बात कही। उसने कहा कि 800 रुपए तक में बिक रहा है। मैं आपको साढे 400 तक में दे दूंगा।
Edited By: Navin Rangiyal