RBI withdraws Rs2,000 notes from circulation:2016 में देश में हुई नोटबंदी के बाद एक बार फिर शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में 2000 रुपए के नोटों को प्रचलन से बाहर करने का बड़ा फैसला कर लिया। रिजर्व बैंक ने लोगों को 30 सिंतबर तक 2 हजार के नोट बदलवाने की सलाह दी है। 2 हजार के नोट को लेकर सरकार के इस बड़े फैसले को लेकर वेबदुनिया ने देश के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) से खास बातचीत की।
वेबदुनिया से बातचीत में देश के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं कि 2016 में नोटबंदी के फैसले के वक्त एक हजार का नोट बंद करने का फैसला कर 2 हजार का नोट शुरु करने का फैसला किया गया था। उस वक्त सरकार का 2 हजार का नोट शुरु करने का फैसला बहुत अटपटा फैसला था और सरकार ने दलील दी थी कि ब्लैकमनी को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
यशवंत सिन्हा आगे कहते हैं कि उस समय 1 हजार का नोट बंद कर 2 हजार का नोट शुरु करने का फैसला लिया गया,जिससे ब्लैकमनी रखने वालों को और आसानी हो गई। अब 7 साल बाद सरकार 2 हजार का नोट वापस लेने का फैसला ले रही है। इससे एक बात साफ है कि या तो सरकार उस वक्त गलत थी या अब गलत है।
अटल सरकार में 1998 से 2002 तक देश के वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि जब मैं वित्तमंत्री था उस वक्त एक हजार का नोट शुरु करने का फैसला बहुत सोच समझकर किया गया था। आरबीआई और सरकार ने आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखने के बाद 500 रुपए के उपर और एक नोट शुरु करने का फैसला किया था और हमने एक हजार के नोट का प्रचलन किया था।
यशवंत सिन्हा कहते हैं कि 2016 में नोटबंदी के वक्त एक हजार का नोट बंद करके दो हजार का नोट प्रचलन में लाया गया और अब सात साल बाद फिर दो हजार का नोट बंद करने का फैसला ले लिया। ऐसे में अब 2 हजार के नोट बंद किए जा रहे है और 1 हजार के नोट शुरु नहीं किए जा रहे है। यानि अब 500 का नोट सबसे बड़ा नोट होगा, इसको मैं सहीं नहीं मानता।
करेंसी देश की प्रतिष्ठा से जुड़ी- वेबदुनिया से बातचीत में यशवंत सिन्हा कहते हैं कि देश की करेंसी देश की प्रतिष्ठा के साथ सीधी जुड़ी होती है। अगर यह लग रहा है कि सरकार और रिजर्व बैंक खुद ही करेंसी के साथ खिलवाड़ कर रहा है तो फिर उस करेंसी की देश में क्या प्रतिष्ठा बचेगी।
वह कहते हैं कि सरकार की एक करेंसी मैनेजमेंट पॉलिसी होती है औऱ अगर करेंसी मैंनेजमेंट पॉलिसी में यह फैसला लिया जाता कि देश में 100, 200 और 500 के नोट चलेंगे तो लोग इसको स्वीकार कर लेते। लेकिन सरकार के फैसले से लगता है कि उस वक्त भी सब तदर्श आधार पर किया गया और आज भी वैसा कर रहे है।
2000 का नोट बंद करना एक तुगलकी फरमान-रिजर्व बैंक ने लोगों को 30 सिंतबर तक 2 हजार के नोट बदलवाने की सलाह दी है। एक बार में एक व्यक्ति 10 नोट यानि 20 हजार रुपया बदल सकता है। इस पर पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं कि इससे लोगों को बहुत परेशानी होगी। वह कहते हैं कि इस तरह के फैसले से लोग फिर परेशान होंगे। ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठता है कि वह लोगों को क्यों परेशान कर रही है। पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं कि जैसे 2016 में बिना दिमाग लगाएं तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया था, उसी तरह इस बार फिर बिना दिमाग लगाए एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है।