उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शक्ति विहार इलाके में शनिवार तड़के एक बहुमंजिला आवासीय इमारत के ढहने से 11 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), अग्निशमन सेवा, दिल्ली पुलिस और अन्य बचावकर्मियों की टीम ने राष्ट्रीय राजधानी के मुस्तफाबाद इलाके में तड़के करीब तीन बजे ढही 20 साल पुरानी चार मंजिला इमारत के घटनास्थल पर 12 घंटे से अधिक समय तक बचाव कार्य चलाया। मलबे में दबे कुछ लोगों को तो जीवित बचा लिया गया लेकिन अन्य इतने भाग्यशाली नहीं
पुलिस सूत्रों ने बताया कि भूतल पर दो-तीन दुकानों में हो रहे निर्माण कार्य के कारण इमारत ढह गई। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इमारत ढहने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं और घटना पर दुख जताया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि नयी दुकान पर निर्माण कार्य के कारण यह इमारत ढह गई। उन्होंने चार से पांच अन्य इमारतों की गंभीर स्थिति पर भी चिंता जताई।
एक अन्य निवासी सलीम अली ने कहा, सीवर का गंदा पानी वर्षों से इमारतों की दीवारों में रिस रहा है। समय के साथ नमी के कारण ढांचे कमजोर होने से दीवारों में दरारें आ गई हैं। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने एक बयान में कहा कि यह इमारत लगभग 20 साल पुरानी थी।
दहशत में हैं लोग
शहजाद अहमद ने अपने दो भांजों दानिश और नावेद को खो दिया, जो अपने माता-पिता - अहमद की बहन और बहनोई - के साथ तीसरी मंजिल के मकान में रहते थे। उन्होंने कहा, “मेरे दोनों भांजे परिवार के कमाने वाले सदस्य थे। वे पूरे घर का खर्च चलाते थे। अब वे चले गए।” उनकी बहन और बहनोई की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया, “मुझे सुबह चार बजे के आसपास फोन आया और मैं तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा।”
एक अन्य निवासी सोनू अब्बास ने बताया कि उनकी बहन की मौत हो गई है, जिनका परिवार इमारत की चौथी मंजिल पर रहता था। उन्होंने पीटीआई को बताया कि जब उन्हें मलबे से निकाला गया तो वह जीवित थीं। उन्होंने कहा, “वह उठी, उसने देखा कि उसके पति और बच्चे सुरक्षित हैं, और उसने उन्हें मलबे से बाहर निकालने में मदद की।” अब्बास ने कहा कि इसके बाद ही वह बेहोश हो गई और उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि उसके दोनों बच्चे घायल हैं, जबकि पति की हालत गंभीर बनी हुई है।
कुछ निवासियों ने दावा किया कि भूतल पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण ही इमारत ढह गई, जहां कथित तौर पर एक नयी दुकान बनाई जा रही थी। उन्होंने आस-पास की इमारतों की संरचनात्मक स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की। सलीम अली ने कहा, “करीब चार से पांच इमारतें ऐसी ही नाजुक स्थिति में हैं।” इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma