नई दिल्ली। दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डा सालाना 6 करोड़ या इससे ज्यादा यात्रियों की आवाजाही वाले दुनिया के 20 हवाई अड्डों में शामिल हो गया है। वर्ष 2017 में पहली बार आईजीआई हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या 6 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। यह मुकाम हासिल करने वाला यह भारत ही नहीं, दक्षिण एशिया का भी इकलौता एयरपोर्ट है।
विमानन क्षेत्र की सलाह एवं अनुसंधान संस्था सेंटर फॉर एविएशन की गत सप्ताह जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के पहले 11 महीने में यानी जनवरी से नवंबर 2017 के दौरान ही दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या 60 लाख के पार पहुंच गई। अगले कुछ सालों में मुंबई के भी इस क्लब में शामिल होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेषकर एशिया में, हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में तेजी से हुई बढ़ोतरी के कारण पिछले साल 'छह करोड़ यात्रियों' की श्रेणी में 6 नए हवाई अड्डे शामिल हुए। वर्ष 2016 में ऐसे हवाई अड्डों की संख्या 14 थी, जो अब बढ़कर 20 हो गई है। इनमें 9 एशियाई शहरों के हैं। गत वर्ष इस सूची में शामिल होने वालों में सिंगापुर का चांगी और बैंकॉक का सुवर्णभूमि हवाई अड्डा भी है।
सीट क्षमता के हिसाब से दिल्ली हवाई अड्डा दुनिया में 14वें नंबर पर है। यह आंकड़ा प्रति सप्ताह हवाई अड्डे से जाने वाली उड़ानों में उपलब्ध कुल सीटों की संख्या दर्शाता है। इस साल 1 से 7 जनवरी के दौरान आईजीआई की सीट क्षमता 15,30,021 थी।
इस मामले में 23,30,043 सीटों के साथ दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहले स्थान पर है। इसके बाद शीर्ष 5 में क्रमश: बीजिंग कैपिटल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अटलांटा हार्ट्सफील्ड-जैक्सन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, लॉस एंजिल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और टोक्यिो हनेदा हवाई अड्डा शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020 तक कई और एशियाई हवाई अड्डे 'छह करोड़ क्लब' में शामिल हो जाएंगे। इसमें भारत से मुंबई एयरपोर्ट, ताईवान से ताइपेई और चीन से चेंगदू, कुनमिंग और शेनजेन हवाई अड्डे के बारे में उम्मीद जताई गई है।
दिल्ली हवाई अड्डे की वेबसाइट के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान वहां यात्रियों की संख्या 5 करोड़ 77 लाख रही थी। पिछले 3 साल से देश में हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2015 में घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या 20.34 प्रतिशत, 2016 में 23.18 प्रतिशत और 2017 के पहले 11 महीने में 17 प्रतिशत बढ़ी है।
राष्ट्रीय राजधानी होने के साथ दिल्ली विमान सेवा कंपनियों का मुख्य हब भी है। इस कारण यहां यात्रियों और उड़ानों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। (भाषा)