नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से उस समय करारा झटका लगा जब अदालत ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने संसदीय सचिव पद पर विधायकों की नियुक्ति को लाभ का पद माना है। अदालत ने कहा कि नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने आप से जुड़े 21 विधायकों को संसदीय सचिवों के रूप में नियुक्त किया था। उन्हें इस पद पर कार्य करने के लिए कोई वेतन नहीं दिया जा रहा था।
संसदीय सचिव पद पर विधायकों की नियुक्ति पर केंद्र की मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार में ठन गई थी। भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने इन नियुक्तियों पर आपत्ति ली थी।