नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में दमघोंटू 'स्मॉग' के प्रभाव के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी करते हुए रविवार से पांच दिनों तक हर तरह के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया। बिजली संयंत्रों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश दिया। वहीं, शहर में कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
कई आपात उपायों की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘सम विषम’ योजना लाने की संभावना पर भी विचार कर रही है, जबकि प्रदूषण के बढ़ते स्तरों पर विचार करते हुए उन्होंने लोगों से घरों के अंदर रहने और संभव हो तो घर से ही काम करने की अपील की। अस्पतालों की आपात सेवाएं और मोबाइल टावरों को छोड़कर सोमवार से अगले पांच दिनों तक सभी डीजल युक्त जेनरेटर सेटों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है।
दिल्ली सरकार ने कोयला आधारित बदरपुर बिजली संयंत्र को प्रदूषण का एक अहम स्रोत मानते हुए इसे सोमवार से 10 दिनों तक बंद करने का फैसला किया है तो वहीं शहर में अगले पांच दिनों तक हर तरह के निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और सोमवार से सप्ताह में कम से कम एक दिन पीडब्ल्यूडी सड़कों पर जल छिड़काव करेगी।
ग्रेट स्मॉग : साल 1952 के लंदन के कुख्यात 'ग्रेट स्मॉग' की याद दिलाते हुए पिछले करीब एक हफ्ते से दिल्ली में छाई धुंध और धुएं की घनी चादर से हवा की गुणवत्ता रविवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में रही हवा की औसत गुणवत्ता के अब अधिकतम सीमा पार करने की भी आशंका है।
सांसों के जरिए फेफड़े में दाखिल होने वाले प्रदूषक कण पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर कई स्थानों पर सुरक्षित सीमा से 17 गुना ज्यादा रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और 'सफर' की ओर से संचालित निगरानी स्टेशनों का हर घंटा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 से ज्यादा रहा जो अधिकतम सीमा से कहीं ज्यादा है।
केंद्र की पहल : दिल्ली में वायु प्रदूषण के 'गंभीर' हालात पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पड़ोसी राज्यों के साथ सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में इस समस्या से निपटने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की अध्यक्षता में ये बैठक सोमवार दोपहर दिल्ली के पर्यावरण भवन में होगी। इस बैठक में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के पर्यावरण मंत्री हिस्सा लेंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने कहा है कि 'हम दिल्ली में हालात पर नजर रख रहे हैं, बैठक में ये चर्चा होगी कि हमें इस समस्या से निपटने के लिए जल्द से जल्द किस तरह के उपाय करने की जरूरत है।'
केंद्र के विशेषज्ञों ने कहा कि प्रदूषक कणों की मात्रा जैसे अन्य मानकों के मामले में सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) का स्तर शहर में अब भी नियंत्रण में है, जबकि हालात कमोबेश वैसे ही हैं जैसे लंदन में 1952 के 'ग्रेट स्मॉग' के दौरान थे। 'ग्रेट स्मॉग' के दौरान करीब 4,000 लोगों की असामयिक मौत हो गई थी।
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट की अनुमित्रा रायचौधरी ने बताया, '1952 में लंदन में पसरे धुंध और धुएं से तब करीब 4,000 लोगों की असामयिक मौत हो गई थी जब एसओ2 का स्तर काफी ऊंचा होने के साथ-साथ औसत पीएम स्तर करीब 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था। यहां एसओ2 का संकेंद्रण उतना ज्यादा भले ही नहीं है, लेकिन जैसा कि हमने दिवाली पर देखा, कई गैसों में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी हुई है। कुल मिलाकर यह एक जहरीली मिलावट है।' (भाषा)