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क्या दिल्ली ब्लास्ट के पीछे खालिस्तान का हाथ है, क्या कहती है ये रिपोर्ट?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 (08:23 IST)
दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुए ब्लास्ट के बार खालिस्तान के 'स्लीपर सेल' की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि इस धमाके के पीछे खालिस्तानी स्लीपर सेल का हाथ हो सकता है। इसका पाकिस्तान से भी कनेक्शन होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

हालांकि रोहिणा ब्लास्ट केस में अभी जांच चल रही है। यह दावा कुछ टेलीग्राम चैनल की तरफ की गई है, हालांकि जांच एजेंसियां इसे अब तक महज एक प्रोपेगंडा ही मानकर चल रही हैं। जानते हैं आखिर क्या कह रही है ये रिपोर्ट और इसमें कितनी सच्चाई है।

क्या हुआ था दिल्ली में : बता दें कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास रविवार को एक ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में खिड़कियों के शीशे टूट गए और आसपास की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थी। दिल्ली पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है। सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए बम धमाके को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया है। बम धमाके की जांच को जल्द ही आधिकारिक तौर पर स्पेशल सेल को ट्रांसफर किया जाएगा।

किसने किया दावा : इस बीच बताया जा रहा है कि दिल्ली के रोहिणी में हुए बम ब्लास्ट की जांच एजेंसियां तेजी से कर रही है। दूसरी तरफ पाकिस्तान से चलने वाले कुछ टेलीग्राम चैनल पर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के पीछे खालिस्तान ऑपरेटिव्स का हाथ होने का दावा किया गया है। सबसे पहले यह दावा टेलीग्राम चैनल Justice League India पर CCTV डालकर बम धमाके का दावा किया गया। उसके बाद इस मैसेज को पाकिस्तान से चैनल वाले कई टेलीग्राम चैनल पर सर्कुलेट किया गया। ये वो तमाम टेलीग्राम चैनल हैं, जिसमें ज्यादातर कश्मीर में होने वाले आतंकी गतिविधियों की TRF की अपडेट्स शेयर की जाती हैं।

क्या प्रापेगंडा है ये :  ISI द्वारा संचालित कश्मीर जिहाद से जुड़े टेलिग्राम चैनलों पर दिल्ली बम ब्लास्ट में खालिस्तान समर्थकों का हाथ होने का इशारा किया गया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है की इसके पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ISI का ही रोल है और इस बम ब्लास्ट से खालिस्तान का एंगल जोड़कर खालिस्तान उग्रवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल इन्हें प्रोपोगेंडा की तरह देखा जा रहा है। धमाके की जांच की जा रही है। अभी तक इसमें कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है और न ही किसी संगठन का नाम सामने आया है। जांच एजेंसियां इन सभी मैसेज की बारीकी से जांच कर रही हैं।
Edited By: Navin Rangiyal

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