कुतुब मीनार में पूजा के अधिकार को लेकर दिल्ली की साकेत कोर्ट में सुनवाई आज
याचिकाकर्ता का दावा - हिंदू-जैन मंदिरों के मलबे से बनी मस्जिद
नई दिल्ली | ज्ञानवापी मस्जिद और शाही ईदगाह मस्जिद के बाद अब कुतुब मीनार परिसर में हिन्दू देवी-देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना करने का अधिकार मांगने वाली याचना पर सुनवाई होने जा रही है। ये सुनवाई 24 मई मंगलवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में होनी है। याचिकाकर्ता ने यह दावा किया है कि परिसर में स्थित मस्जिद हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई है।
दरअसल, ये मामला कुतुब मीनार परिसर में स्थित कुव्वुतुल इस्लाम मस्जिद से सम्बंधित है। याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने मांग की है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी-देवताओं को फिर से स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना का अधिकार दिया जाए।
याचिका में यह दावा किया गया है कि यह मस्जिद अलग-अलग कालखंड में हिन्दू-जैन मंदिरों को तोड़कर उनके मलबे से बनाई गई है। याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में दावा किया है कि कुतुब मीनार में 27 मंदिरों के 100 से अधिक अवशेष मौजूद हैं। इसलिए एक बार फिर हिंदुओं को यहां पूजा का अधिकार मिलना चाहिए।
मस्जिद के पास मिली थी भगवान गणेश की दो मूर्तियां - राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण
बता दें कि कुछ महीनों पहले राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के एक अधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि कुतुब परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के पास गणेश की दो मूर्तियों मिली है। मस्जिद के पास उन मूर्तियों का अनादर न हो, इसलिए उन्हें वहां से कहीं और शिफ्ट किया जाए।
अधिकारी ने ये भी कहा था कि इस मस्जिद को मंदिर के पत्थरों से बनाया गया था। इन मूर्तियों को यहां पर चारों ओर देखा जा सकता है। इसके कुछ ही हफ्तों बाद एक रिपोर्ट पर तब विवाद शुरू हो गया था, जिसमें कहा गया था कि संस्कृति मंत्रालय ने कुतुब मीनार परिसर में खुदाई का आदेश दिया है। लेकिन संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने उस रिपोर्ट से इनकार कर दिया था।
अब देखना होगा आज इस सुनवाई में हिन्दू पक्ष के वकीलों द्वारा अपने दावे के सहयोग में क्या दलीलें पेश की जाती है।