Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

नोटबंदी का RBI की विकास दर पर भी रहा नकारात्मक असर

हमें फॉलो करें नोटबंदी का RBI की विकास दर पर भी रहा नकारात्मक असर
, बुधवार, 28 अगस्त 2019 (15:50 IST)
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से गठित एक समिति ने कहा है कि नवंबर 2016 में एक हजार रुपए और 500 रुपए के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर किए जाने का असर केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर भी पड़ा था जिससे पिछले 5 साल की उसकी औसत विकास दर घटकर 8.6 प्रतिशत रह गई।

आरबीआई के 'इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क' की समीक्षा के लिए डॉ. विमल जालान की अध्यक्षता में बनी समिति ने इसी महीने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। समिति ने अन्य बातों के साथ रिजर्व बैंक के वित्त वर्ष को बदलकर अप्रैल-मार्च करने की भी सिफारिश की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 10 साल में रिजर्व बैंक के बैलेंस शीट की औसत वार्षिक विकास दर 9.5 प्रतिशत रही है जबकि 2013-14 से 2017-18 के 5 साल के दौरान इसकी औसत विकास दर 8.6 प्रतिशत रही। समिति ने कहा है कि बैलेंस शीट की विकास दर में गिरावट का 2016-17 में की गई नोटबंदी थी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 9 नवंबर 2016 से 500 रुपए और एक हजार रुपए के उस समय प्रचलन में जारी सभी नोटों को आम इस्तेमाल के लिए अवैध घोषित कर दिया था। इस प्रकार उस समय प्रचलन में मौजूद सभी नोटों के कुल मूल्य का 86 प्रतिशत प्रतिबंधित हो गया। यह वही रिपोर्ट है, जिसकी अनुशंसा के आधार पर केंद्रीय बैंक ने 1.76 लाख करोड़ रुपए की अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर मुद्दे पर रूस ने भी दिया भारत का साथ, विश्वभर में अलग-थलग पड़ता पाकिस्तान