नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर और आसपास के इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र महाराष्ट्र तट के पास पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के ऊपर बना हुआ है।
स्काईमेट के अनुसार उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री की और गिरावट आई है। पिछले 24 घंटों के दौरान नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हुई। शेष पूर्वोत्तर भारत, आंतरिक तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के दक्षिणी तट पर हल्की बारिश हुई। बिहार और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के एक या दो हिस्सों में भी सुबह के समय घना कोहरा देखा गया।
अगले 24 घंटों के दौरान तटीय आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। पश्चिमी हिमालय पर छिटपुट हल्की बारिश और बर्फबारी संभव है। भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में मध्यम से घना कोहरा संभव है। अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्यभारत के न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री और गिरावट आ सकती है।
राजस्थान में शीतलहर के आसार, दिल्ली में भी गिरेगा पारा : भारत के कई हिस्सों में ठंड बढ़ने वाली है। इस बात के संकेत भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को दिए हैं। विभाग ने बताया कि उत्तर पश्चिम समेत भारत के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की संभावना है। साथ ही अगले कुछ दिनों में राजस्थान में शीतलहर की स्थिति तैयार हो सकती है। राजस्थान में कई इलाकों में सर्दी बढ़ रही है। इससे पहले मंगलवार रात 4.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ चुरू सबसे ठंडा स्थान रहा था।
उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट आ सकती है, जिसके चलते राजस्थान में शीतलहर चलने की संभावना है। 9 दिसंबर को तटीय तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के आसार है। साथ ही उत्तर पूर्व भारत में अगले दो दिनों के दौरान घना कोहरा छाने की संभावना है।
स्कायमेट वेदर के अनुसार, इस सप्ताह दिल्ली में ठंड बढ़ने के आसार हैं। एजेंसी ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर और आसपास के इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। साथ ही महाराष्ट्र तट के पास पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल औऱ बांग्लादेश के ऊपर भी एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।