डीजीसीए ने एयरलाइन को निगरानी व्यवस्था के तहत रखा था : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 13 सितंबर को वित्तीय बाधाओं को देखते हुए एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था के तहत रख दिया था। वित्तीय बाधाएं विमान रखरखाव से संबंधित एयरलाइन के अनिवार्य दायित्वों को प्रभावित कर सकती थीं। नियामक ने एक बयान में कहा कि बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत डीजीसीए ने विभिन्न स्थानों पर कुल 266 'स्पॉट' जांच की।
ALSO READ: Su-30MKI : अब भारत में बनेंगे रूसी युद्धक विमान सुखोई
जांच के बाद निगरानी व्यवस्था से हटा दिया : डीजीसीए के अनुसार यह सुनिश्चित किया गया है कि जांच के दौरान पाई गईं कमियों को दूर करने के लिए एयरलाइन उपयुक्त कदम उठाए। नियामक ने कहा कि कमियों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों और कंपनी में अतिरिक्त राशि जुटाने के मद्देनजर स्पाइसजेट को बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया गया है।
ALSO READ: अब HAL बनाएगा सुखोई विमान का इंजन, रक्षा मंत्रालय ने किया 26 हजार करोड़ का समझौता
वित्तीय समस्याओं में फंसी स्पाइसजेट ने पिछले महीने संस्थागत निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। उसके बाद से कंपनी ने विभिन्न बकाया देनदारियों को चुकाया है, कर्मचारियों को लंबित वेतन का भुगतान किया है और विमान पट्टे पर देने वाली कुछ कंपनियों के साथ भी समझौता किया है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta